पाकिस्तान की नींद उड़ाने वाली खबर सामने आई, भारत ने किया इस `बाहुबली` मिसाइल का परीक्षण
भारत के टुकड़े-टुकड़े करने का सपना देखने वाले पाकिस्तान की नींद उड़ने वाली है. भारत ने बुधवार को अंडमान निकोबार में अपनी बाहुबली मिसाइल का परीक्षण किया. यह मिसाइल पाकिस्तान और चीन में बिना कोई भनक लगाए घुसकर तबाही मचा सकती है.
नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) के लिए नींद उड़ाने वाली खबर सामने आई है. भारत ने एक बार फिर दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक ब्रह्मोस (Brahmos) का परीक्षण किया है.
अंडमान-निकोबार में किया गया टेस्ट
सूत्रों के मुताबिक भारत ने बुधवार को अंडमान-निकोबार में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस (Brahmos)का परीक्षण किया. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक टेस्ट में ब्रह्मोस मिसाइल सटीकता के साथ अपने टारगेट को भेदने में कामयाब रही. भारत के इस परीक्षण को पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ा संकेत माना जा रहा है.
पाकिस्तान में गिर गई थी ब्रह्मोस
दरअसल ब्रह्मोस पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान (Pakistan) में लगातार चर्चा में बनी हुई है. भारत से 9 मार्च को एक मिसाइल मेनटेनेंस के दौरान गलती से उड़कर पाकिस्तान के 124 किलोमीटर अंदर जाकर गिर गई थी. इस घटना में किसी की जान तो नहीं गई लेकिन आसपास के कई घर जमींदोज हो गए थे. हैरत की बात ये थी कि पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम इस मिसाइल को मार गिराना तो दूर उसका पता तक नहीं लगा पाया था.
फेल हो गए थे पाकिस्तानी रेडार
स्थानीय लोगों की ओर से सूचना दिए जाने के बाद पाकिस्तानी सेना (Pakistan) को घटना की जानकारी हुई, जिसके चलते उसकी देश और बाहर जमकर किरकिरी हुई. इसके बाद अपनी इज्जत बचाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने 24 घंटे बाद बयान जारी किया कि उसके रेडार ने इस मिसाइल को लॉन्च होते ही ट्रैक करना शुरू कर दिया था. लेकिन पाकिस्तानी आर्मी यह स्पष्ट नहीं कर पाई कि अगर उसने मिसाइल ट्रैक कर ली थी तो उसने उसे मार क्यों नहीं गिराया.
पाकिस्तानी सेना (Pakistan) के प्रवक्ता ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि पाकिस्तानी जमीन पर गिरी भारतीय मिसाइल सुपरसोनिक स्पीड से आई थी और 40 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रही थी. पाकिस्तानी सेना ने इस घटना पर आपत्ति जताते हुए मिसाइल के बारे में भारत से जानकारी मांगी. भारत ने इस गलती पर खेद जताते हुए हाई लेवल जांच की बात कही. हालांकि यह नहीं बताया कि पाकिस्तान में गिरी मिसाइल कौन सी थी.
गिरा नहीं पाए चीन के एयर डिफेंस सिस्टम
पाकिस्तानी मीडिया (Pakistan) के मुताबिक मियां चुन्नू इलाके में गिरी मिसाइल कोई और नहीं बल्कि ब्रह्मोस (BrahMos Missile) थी. जो अपनी जबरदस्त स्पीड और जमीन के बेहद नजदीक उड़ने की वजह से रेडार की पकड़ में नहीं आ सकी. पाकिस्तान ने भारतीय मिसाइलों को मार गिराने के लिए चीन से खरीदे HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम लगा रखा है. चीन ने जब इस सिस्टम को पाकिस्तान को बेचा था तो दावा किया था कि वह दुनिया की किसी भी तरह की मिसाइल को ट्रैक करके गिरा सकता है. हालांकि उसके इस दावे की तब धज्जियां उड़ गई, जब भारतीय मिसाइल पाकिस्तान में गिरी और चीन का दिया हुआ एयर डिफेंस सिस्टम नाकारा बनकर रह गया.
'भारत ने पूरी योजना के साथ की लॉन्चिंग'
पाकिस्तानी मीडिया (Pakistan) में लगातार चर्चा है कि यह मिसाइल तकनीकी गलती से नहीं गिरी बल्कि भारत ने पूरी योजना के साथ पाकिस्तान के खिलाफ लॉन्च किया. जिससे मिसाइल की सटीकता और पाकिस्तानी एयर डिफेंस की क्षमता की जांच हो सके. पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि पाकिस्तान में गिरी ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) से भारत के ये दोनों उद्देश्य पूरे हो गए.
किसी बड़ी तैयारी में लगा है भारत: पाकिस्तानी मीडिया
पाकिस्तान के डिफेंस एक्सपर्टों के मुताबिक जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भारत किसी बड़ी तैयारी में लगा हुआ है. पाकिस्तान में ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) का गिरना उसी तैयारियों का एक छोटा हिस्सा है. पाकिस्तान के डिफेंस एक्सपर्टों के मुताबिक भारत अब पीओके को वापस लेने के लिए प्लान बना रहा है. इसी के चलते भारत अपने दोस्त रूस से S-400 और फ्रांस से राफेल विमान लेने के साथ ही खतरनाक मिसाइलों का भी ताबड़तोड़ परीक्षण कर रहा है.
पाकिस्तान (Pakistan) में फैली इसी घबराहट के बीच भारत की ओर से बुधवार को फिर से ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण करना पाकिस्तानी आर्मी की धड़कन बढ़ाने वाला है. भारत हाल ही में ब्रह्मोस की रेंज को 290 किलोमीटर से बढ़ाकर 400 किलोमीटर तक कर चुका है और अब वह उसे 800 किलोमीटर तक बढ़ाने में लगा है. ऐसा हो जाने के बाद ब्रह्मोस मिसाइल भारत से लॉन्च होने के बाद बिना पाकिस्तान की नजर में आए उसके किसी भी हिस्से को बर्बाद कर सकेगी.
भारत का ब्रह्मास्त्र है ब्रह्मोस
भारतीय वायुसेना ने अपने 40 सुखोई विमानों पर ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइलें (BrahMos Missile) तैनात की हैं. ये मिसाइलें ज्यादा घातक और ज्यादा दूर तक दुश्मन को चोट पहुंचा सकती हैं. इसके साथ ही नेवी भी अपने अहम जहाजों पर ब्रह्मोस की तैनाती कर चुकी हैं. इंडियन आर्मी भी ब्रह्मोस की 3 रेजिमेंट बना चुकी है. जिसे उसने पाकिस्तान और चीन के खिलाफ तैनात भी कर रखा है.
चीन की भी उड़ी हुई है नींद
ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) को रूस के सहयोग से विकसित किया गया है. ये आवाज की गति से तीन गुना यानी 2.8 मैक की रफ्तार से उड़ती हैं. ये रडार को भी चकमा दे सकती है. इस मिसाइल से पाकिस्तान ही नहीं बल्कि उसका आयरन फ्रेंड चीन (China) भी परेशान है. इसकी वजह ये है कि लॉन्च होने के बाद इस मिसाइल को दुनिया का कोई भी रेडार न तो पकड़ सकता है और न ही इसे गिराया जा सकता है. हाल में पाकिस्तान में गिरी भारतीय मिसाइल से यह साबित भी हो गया है.
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कुछ ही देर में दुश्मन को कर देती है खाक
चीन (China) को डर है कि अगर उसने लद्दाख या अरुणाचल प्रदेश में भारत के खिलाफ कोई जुर्रत करने की कोशिश की तो उसे भारत के ब्रह्मास्त्र ब्रह्मोस (BrahMos Missile) का प्रकोप झेलना पड़ेगा, जो उसके लिए खासा महंगा भी साबित हो सकता है. इस मिसाइल की एक खासियत ये भी है कि एक बार टारगेट लॉक कर देने के बाद यह अपने आप उसका पीछा करती है और बर्बाद करके ही दम लेती है. यह मिसाइल सीधे जाते हुए अचानक 90 डिग्री तक मुड़कर किसी भी टारगेट को खत्म कर सकती है.
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