Defence Ministry: रक्षा के क्षेत्र में भारत लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहा है. एक से बढ़कर एक मिसाइलें और एडवांस हथियार तीनों सेनाओं में शामिल किए जा रहे हैं. अब भारत ने सुरक्षाबलों की ताकत को और बढ़ाने के लिए 97 तेजस हल्के लड़ाकू विमानों और करीब 156 प्रचंड हेलीकॉप्टर की अतिरिक्त खेप की खरीद की गुरुवार को शुरुआती मंजूरी दे दी है. इन 156 प्रचंड लड़ाकू हेलिकॉप्टर्स में से 90 भारतीय सेना और 66 वायुसेना के लिए होंगे. 


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सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने अपने सुखोई-30 लड़ाकू बेड़े को एडवांस करने के लिए भारतीय वायु सेना के एक प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है. मेगा खरीद परियोजनाओं और सुखोई-30 अपग्रेड प्रोग्राम से सरकारी खजाने पर 1.3 लाख करोड़ रुपये की लागत आने की उम्मीद है. उम्मीद है कि रक्षा मंत्रालय जल्द ही डीएसी के मंजूर प्रोजेक्ट्स का ब्योरा देगा.


तेजस के दो स्क्वॉड्रन IAF का हिस्सा


LCA तेजस का पहला वर्जन साल 2016 में वायुसेना में शामिल किया गया था. फिलहाल वायुसेना के दो स्क्वॉड्रन (45 स्क्वॉड्रन और 18 स्क्वॉड्रन) पूरी तरह एलसीए तेजस से लैस हैं. स्वदेशी रूप से विकसित तेजस का वायुसेना में आने वाले वर्षों में सबसे बड़ा बेड़ा होगा. भारतीय वायुसेना ने पहले ही 83 एलसीए मार्क1ए फाइटर प्लेन्स का ऑर्डर दे दिया है, जिसकी लागत करीब 36,468 करोड़ रुपये है और उसकी डिलिवरी अगले साल फरवरी-मार्च में शुरू हो जाएगी. 


पीएम मोदी ने भरी थी उड़ान


बीते दिनों पीएम मोदी ने लड़ाकू विमान के पायलट की वर्दी ‘जी-सूट’ पहनकर तेजस विमान में उड़ान भरी थी. उन्होंने इसको अद्भुत अनुभव बताते हुए कहा कि इस अनुभव से देश की स्वदेशी क्षमताओं पर उनका भरोसा बढ़ा है.


यह पहली बार था जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने लड़ाकू विमान से उड़ान भरी है. वायु सेना के पायलट की वर्दी पहने मोदी इन क्षणों का आनंद लेते नजर आए थे.आईएएफ ने एक बयान में कहा था कि उड़ान विमान प्रणाली परीक्षण प्रतिष्ठान से भरी गई थी. इसके अनुसार बेंगलुरु के आसमान में 30 मिनट की उड़ान के दौरान प्रधानमंत्री को तेजस की क्षमताओं को दिखाया गया था.