Aatmanirbhar Bharat: इंडियन एयरफोर्स को मिलेंगे 114 फाइटर जेट्स, 96 का भारत में ही होगा निर्माण
Aatmanirbhar Bharat: भारतीय वायुसेना 114 लड़ाकू विमान खरीदने की योजना बना रही है. इसमें 1.5 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी. खास बात यह कि इनमें से 96 विमानों का निर्माण देश में ही किया जाएगा.
Aatmanirbhar Bharat: भारतीय वायुसेना के लिए अत्याधुनिक फाइटर जेट्स खरीदने की प्रक्रिया दोबारा शुरू हो गई है. वायुसेना में फाइटर जेट्स की घटती तादाद को पूरा करने के लिए 2007 में 126 आधुनिक लड़ाकू विमान खरीदने की प्रक्रिया शुरू की गई थी लेकिन इस प्रक्रिया को 2015 में रद्द कर दिया गया. अब वायुसेना के लिए 114 फाइटर जेट्स खरीदने की तैयारी है लेकिन इनमें से केवल 18 को तैयार हालत में खरीदा जाएगा बाकी 96 को विदेशी कंपनी के सहयोग से भारत में ही बनाया जाएगा. लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही भारतीय वायुसेना को इस सौदे से काफी राहत मिलेगी.
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
इन लड़ाकू विमानों को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. Buy Global and Make in India योजना के तहत इन जेट्स में से 96 भारतीय कंपनी भारत में ही बनाएगी. 18 तैयार एयरक्राफ्ट के आने के बाद अगले 36 को भारतीय कंपनी बनाएगी जिसकी कुछ कीमत विदेशी मुद्रा में और कुछ भारतीय मुद्रा में चुकाई जाएगी. बचे हुए 60 जेट्स को भारत में बनाया जाएगा और इसका पूरा भुगतान भारतीय मुद्रा में ही किया जाएगा. संभावना है कि बोइंग, लॉकहीड मार्टिन, साब, मिग, डेस्सां जैसे दुनिया के सभी बड़े एयरक्राफ्ट निर्माता इस बड़े सौदे के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे.
जानें क्या है पूरी योजना
भारतीय वायुसेना को चीन और पाकिस्तान दोनों मोर्चों पर सुरक्षा करने के लिए 42 फाइटर स्क्वाड्रनों की जरूरत हैं, एक स्क्वाड्रन में 16-18 एयरक्राफ्ट होते हैं. लेकिन पुराने विमानों के रिटायर होने से ये तादाद घटकर 32 स्क्वाड्रन तक आ चुकी है. इनमें भी कई स्क्वाड्रन मिग-21, जेगुआर जैसे फाइटर जेट्स की हैं जो चार दशक से ज्यादा पुराने हो चुके हैं. फ्रांस से रफाल फाइटर जेट की दो स्क्वाड्रन खरीदी गई हैं. जिन्हें चीन और पाकिस्तान दोनों ही मोर्चों को ध्यान में रखकर अंबाला और उत्तर-पूर्व में हाशीमार बेस पर तैनात किया गया है. लेकिन भारतीय वायुसेना में फाइटर जेट्स की कमी इनसे पूरी नहीं हो पा रही है. पुराने जेट्स को धीरे-धीरे रिटायर किया जा रहा है इसलिए स्क्वाड्रनों की तादाद और कम हो रही है. सूत्रों का कहना है कि नए फाइटर खरीदने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी.
रूस से हो रही ये चर्चा
भारतीय वायुसेना में फाइटर जेट्स की कमी को पूरा करने के लिए स्वदेशी फाइटर जेट तेजस की खरीद के नए ऑर्डर दिए गए हैं. पहले वायुसेना ने दो स्क्वाड्रन तैयार करने के लिए 40 तेजस जेट्स खरीदे थे, जिन्हें तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस पर तैनात किया गया है. वायुसेना के लिए 83 उन्नत तेजस के लिए ऑर्डर दिए जा चुके हैं. जिनकी सप्लाई 2024 से 2028 के बीच होने की संभावना है. भारत 21 मिग-29 और 12 सुखोई जेट्स खरीदने के लिए भी रूस से चर्चा कर रहा है. स्वदेशी एडवांस मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (AMCA) को बनाने का काम अभी अपने शुरुआती दौर में ही है.
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