गूगल से ट्विटर तक भारतीयों का परचम, क्या भारत के प्रति बदलेंगी इन कंपनियों की पॉलिसी?
अब सवाल है कि जब इन कंपनियों को भारतीय मूल के लोग चलाएंगे तो क्या ये कंपनियां भारत के प्रति अपनी पॉलिसी में बदलाव करेंगी और क्या इन अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए काम करते हुए इन लोगों के मन में ये भावना आएगी कि फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी?
पॉडकास्ट:
इस खबर में भारत के लिए दो सीख
ये बातें गर्व करने और खुश होने के लिए तो अच्छी हैं, लेकिन आज इस खबर में भारत के लिए भी दो सीख हैं. पहली सीख ये कि ये बात सही है कि आज भारत के लोग दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों के सीईओ हैं, लेकिन आज ये सोचने का भी दिन है कि भारत में ऐसी बड़ी कंपनियां नहीं हैं, जो ग्लोबल स्टेटस रखती हों. और दूसरी बात ये कि क्या आपने कभी ये सुना है कि पाकिस्तान का कोई प्रोफेशनल दुनिया की किसी बड़ी कंपनी का सीईओ बना हो. पाकिस्तान दुनिया में आतंक की ग्लोबल कंपनियां चलाता है और इन कंपनियों के सीईओ भी उसी के देश से होते हैं.
क्या भारत के प्रति बदलेंगी इन कंपनियों की पॉलिसी?
ट्विटर (Twitter) और गूगल जैसी कंपनियों पर भारत विरोधी होने के आरोप लगते हैं. तो अब सवाल है कि जब इन कंपनियों को भारतीय मूल के लोग चलाएंगे तो क्या ये कंपनियां भारत के प्रति अपनी पॉलिसी में बदलाव करेंगी और क्या इन अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए काम करते हुए इन लोगों के मन में ये भावना आएगी कि फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी?
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