नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) के प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार को विश्वास है कि वह जल्द ही भारत को सौंप दिया जाएगा. भारत सरकार (Indian Govt) की कानूनी टीम डोमिनिका (Dominica) में चल रहे घटनाक्रम को करीब से फॉलो कर रही है.


इंग्लैंड से डेढ़ साल में डिपोर्ट किए गए 148 भारतीय


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भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2018 से जुलाई 2019 के बीच कुल 148 भारतीय नागरिकों को यूके (UK) से डिपोर्ट किया गया था. इन लोगों को ब्रिटेन में अवैध प्रवेश के आधार पर निर्वासित किया गया था. इसके अलावा यूके के आव्रजन अधिकारियों/गृह कार्यालय (UK immigration authorities/ Home Office) ने 1574 से अधिक अतिरिक्त भारतीय नागरिकों के लिए भारत सरकार (HCI) से आपातकालीन यात्रा दस्तावेज लिया है, जिन्हें कोरोना प्रतिबंध सामान्य होने के बाद अवैध प्रवेश/स्थिति के आधार पर निर्वासित कर दिया जाएगा. सरकारी सूत्रों का कहना है कि हम जुलाई 2020 से अब तक के निर्वासन के आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं.


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भगोड़े को भारत लाकर रहेंगे: विदेश मंत्रालय


विदेश मंत्रालय ने 3 जून को कहा था भारत अपने इस संकल्प पर कायम है कि भगोड़ों को देश वापस लाया जाए और धोखाधड़ी के मामले में वांछित मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को वापस लाने के लिए सारी कोशिशें जारी रखी जाएंगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'मेहुल चोकसी अभी डोमिनिका में हिरासत में है, जहां कुछ कानूनी प्रक्रियाएं चल रही हैं. हम सारी कोशिशें जारी रखेंगे ताकि उसे (चोकसी को) भारत वापस लाया जाए.'


23 मई को गिरफ्तार किया गया था मेहुल चोकसी


मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) हाल ही में एंटीगुआ एवं बारबूडा से फरार हो गया था और उसे कैरिबियाई द्वीपीय देश में कथित तौर पर अवैध रूप से प्रवेश करने के लिए 23 मई को गिरफ्तार कर लिया गया था. उसके खिलाफ डोमिनिका में कानूनी प्रक्रिया चल रही है. बता दें मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 13500 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में वांछित है.


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