Indian Moon Mission Chandrayaan 3 Latest Update: चंद्रमा पर सुबह होने के साथ ही, इसरो अब अपने चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के साथ संचार फिर से स्थापित करने की कोशिश में जुट गया है. वह सौर ऊर्जा से संचालित लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहा है ताकि वे वैज्ञानिक प्रयोग जारी रख सकें. दोनों को इस महीने की शुरुआत में क्रमशः 4 और 2 सितंबर को चंद्र रात्रि शुरू होने से पहले स्लीप मोड में डाल दिया गया था. वह 14 दिनों की वह अवधि खत्म हो चुकी है और वहां पर फिर से उजाले की रोशनी पहुंचने लगी हैं, जिससे इसरो की भी उम्मीदें जगी हैं. 


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पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह है चंद्रमा


बताते चलें कि चंद्रमा, पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है. जहां पर जीवन की तलाश के लिए कई देश शोध कार्यों में जुटे हैं. भारत ने भी अपने चंद्रयान-3 को चंद्रमा के दक्षिण छोर पर उतारकर एक बड़ी कामयाबी हासिल की थी. इसरो वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर चंद्रमा पर सूर्य के उगते ही लैंडर और रोवर को फिर से पुनर्जीवित कर दिया जाता हो तो उससे जो जानकारी मिलेगी, उन प्रयोगों से एक बार फिर चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3 Latest Update) पेलोड द्वारा संचालित किए जा सकते हैं. यह एक प्रकार से बोनस की तरह होगा. 


'फिर से पहुंचने लगी है सूर्य की रोशनी'


अब चंद्रमा के दक्षिण छोर पर सूरज की रोशनी फिर से पहुंचने लगी हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर (Lander Vikram, Rover Pragyan) फिर से चार्ज हो जाएंगे. इसके साथ ही इसरो वैज्ञानिक अब उनके साथ फिर से संपर्क स्थापित करने, उनकी फिटनेस जानने और उनके फिर से काम शुरू करने की क्षमता की जांच करने की कोशिश करेगा. 


'आज से फुल हो जाएंगे चार्ज'


इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के डायरेक्टर नीलेश देसाई ने बताया, 'चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर तापमान माइनस 120 से 200 डिग्री सेल्सियस हो जाने पर हमने लैंडर और रोवर (Lander Vikram, Rover Pragyan) को स्लीप मोड पर डाल दिया था. ऐसा करने की वजह से उन्हें खराबी से बचाना था. अब 20 सितंबर से सूरज की किरणें फिर से चंद्रमा पर पहुंचने लगी हैं. इसके साथ ही हमें उम्मीद है कि 22 सितंबर से लैंडर-रोवर पर लगे सोलर पैनल फुल चार्ज हो जाएंगे, जिसके बाद हम उन्हें फिर से काम पर लगा सकेंगे.' 


'मूल मिशन पूरा कर चुका चंद्रयान-3'


नीलेश देसाई ने कहा कि अगर हमारी किस्मत अच्छी रही, तो हम लैंडर और रोवर दोनों को फिर से एक्टिव कर लेंगे. रोवर से हमें जो कुछ डेटा मिलेगा, उससे चंद्रमा की सतह की आगे की जांच में हमारे लिए फायदा होगा. अब हम 22 सितंबर से होने वाली गतिविधि का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि हम लैंडर और रोवर दोनों को पुनर्जीवित करने के लिए हम पर्याप्त भाग्यशाली हैं. उन्होंने कि चंद्रयान- 3 (Chandrayaan 3 Latest Update) अपना मूल मिशन पूरा कर चुका है, अब हमें वहां से जो कुछ हासिल होगा, वह एक बोनस की तरह होगा और वह आगे को शोधों की नींव रखेगा. 


(एजेंसी पीटीआई)