Farmers News: कोई अगर आपसे पूछे कि जो सरकारी अधिकारी है उनका मेन काम क्या है तो यही कहेंगे ना कि वो सिस्टम को सही रखे और आम लोगो का ध्यान रखे. लेकिन क्या ऐसा हो रहा है? क्योंकि फिरोजाबाद की एक तस्वीर ऐसे आदर्शवाद को झुठलाती है. फिरोजाबाद में सिस्टम की नाकामी से परेशान एक किसान ने अपना आपा खो दिया लेकिन परेशानी क्या सिर्फ क्या किसान तक ठहरी है. नहीं. सिस्टम की नाकामी का असर, केवल किसान,मजदूर या निचले तबके के लोगों पर ही नहीं बल्कि आप पर भी पड़ता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

देश के विशुद्ध सेक्युलर मुद्दों में से एक मंहगाई, जो जाति, धर्म, समाज नहीं देखती. आपने महसूस किया होगा, कि पिछले कुछ हफ्तों में घरेलू सामान की कीमतें तेज़ी से बढ़ी हैं. अब जानिए कैसे सिस्टम की ढिलाई का असर आप पर सीधे पड़ रहा है.


आम आदमी की कट रही जेब


किसान मंडी में प्याज बेच रहा है 15 से 20 रुपये प्रति किलो और आप उसे खरीद रहे हैं 70-80 रुपये प्रति किलो में. यानी करीब 4 गुना से ज्यादा कीमत पर. इसी तरह से किसान भिंडी बेचता है 15 से 20 रुपये प्रति किलो में. लेकिन बाजार में आप उसे खरीद रहे हैं 50 से 60 रुपये प्रति किलो में. यानी करीब 3 गुना ज्यादा कीमत पर.


किसान नींबू बेच रहा है 40 रुपये प्रति किलो और आप उसे खरीद रहे हैं 180 रुपये प्रति किलो. यानी करीब 4 गुना ज्यादा कीमत पर. किसान को मिलने वाली कीमत और आपकी जेब से जाने वाले पैसे के बीच का जो अंतर है, वही है सिस्टम की लापरवाही का नतीजा. एंड यूजर के तौर पर आपको भी अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है. किसान मंडी में माल देकर चला जाता है. फिर मंडी से निकले उसी माल की कीमत, आपसे कहीं ज्यादा पैसे लेकर वसूली जाती है.


मंडी में टमाटर बिक रहा है 18-20 रुपये किलो, आपको मिल रहा है 70-80 रुपये किलो. मंडी में आलू बिक रहा है 7-20 रुपये किलो मगर आपको मिल रहा है 40-50 रुपये किलो. वहीं मंडी में प्याज बिक रहा है 21-26 रुपये किलो और आपको मिल रहा है 70-80 रुपये किलो.


सब्जियों की कीमतों में लगी आग


मंडी में फूल गोभी बिक रही है 30-35 रुपये किलो. आपको मिल रही है 55-60 रुपये किलो. इसी तरह करेला मंडी में बिक रहा है 25 से 30 रुपये किलो. आपको मिल रहा है 40 से 45 रुपये किलो.


मतलब ये है कि सब्जी आप कोई भी खरीद लीजिए, मंडी की कीमत के मुकाबले, आपको वो करीब 2-3 गुना ज्यादा कीमत पर बेचा जा रहा है. ये भी सच है कि किसान को इसका सीधा लाभ नहीं मिल रहा है. ये हाल केवल सब्जी मार्केट का ही नहीं है. मसाले भी पिछले कुछ हफ्तों में काफी महंगे हुए हैं.


आप और किसानों के बीच कौन उठा रहा फायदा?


मंडी में हल्दी की कीमत है 122 रुपये किलो, आप इसको खरीदते हैं 280 रुपये किलो में. मंडी में जीरा बिक रहा है 221 रुपये किलो, आप इसे खरीद रहे हैं 440 रुपये किलो में. मंडी में काली मिर्च की कीमत है 559 रुपये किलो आप उसे खरीदते हैं 1000 रुपये प्रति किलो में. धनिया मंडी में बिक रहा है 168 रुपये किलो. आप उसे खरीद रहे हैं 200 रुपये किलो में.


यानी किसान से मंडी. मंडी से आप, इसके बीच में कोई तो है, जो किसानों से भी लाभ कमा रहा है. और आपकी जेब भी काट रहा है और जिस सिस्टम को इस घालमेल पर लगाम लगाती है, वो गायब है.