Isro Chief Somanath: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने मंगलवार को घोषणा की कि भारत का लक्ष्य 2030 तक मलबा मुक्त अंतरिक्ष की उपलब्धि हासिल करने का है. यहां 42वीं अंतर-एजेंसी अंतरिक्ष मलबा समन्वय समिति (आईएडीसी) की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक ​​आने वाले दिनों के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण और अंतरिक्ष उपयोग का सवाल है तो इसरो के पास एक बहुत ही स्पष्ट योजना है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

असल में सोमनाथ अंतरिक्ष विभाग के सचिव भी हैं. उन्होंने कहा कि यह भारत के इरादों या पहल में से एक है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मलबा मुक्त अंतरिक्ष मिशन संचालित किए जाएं ताकि अंतरिक्ष की स्थिरता सुनिश्चित की जा सके. मैं आज इस पहल को एक घोषणा बनाना चाहता हूं, संभवतः आने वाले दिनों में इस पर चर्चा और बहस हो सकती है.


 मलबा मुक्त अंतरिक्ष मिशन..
सोमनाथ ने कहा कि इस पहल का लक्ष्य 2030 तक सरकारी और गैर-सरकारी सहित सभी भारतीय अंतरिक्ष माध्यमों के जरिए मलबा मुक्त अंतरिक्ष मिशन हासिल करना है." उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में, हमारी कक्षा में 54 अंतरिक्ष यान हैं, साथ ही काम न कर रहीं वस्तुएं भी हैं.’’ इसरो प्रमुख ने कहा कि हम वहां बहुत सावधानी से कार्रवाई करते रहे हैं, जहां भी कक्षा से अलग होने पर अंतरिक्ष वस्तुओं का निपटान करना या उनकी सक्रिय भूमिका को खत्म करना संभव है. इन्हें एक सुरक्षित स्थान पर लाना उन महत्वपूर्ण विषयों में से एक है, जिस पर हम कार्रवाई करते रहे हैं.


इसके साथ ही सोमनाथ ने यह भी कहा कि इसरो यह सुनिश्चित करना चाहता है कि भविष्य में उसके द्वारा प्रक्षेपित किए जाने वाले सभी अंतरिक्ष यान के लिए यह सुनिश्चित करने के वास्ते कार्रवाई की जाए कि वह अपने काम को अंजाम देने के बाद कक्षा से बाहर निकले और उसे सुरक्षित स्थान पर भी लाया जाए. भारत द्वारा 2035 तक अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन 'भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' स्थापित करने की योजना के बारे में सोमनाथ ने कहा कि इसरो उस कक्षा को देखेगा, जहां उन कक्षाओं के दायरे में अधिक अंतरिक्ष स्टेशन आ रहे हैं. Agency Input