ISRO ने रचा नया कीर्तिमान, 36 सैटेलाइट के साथ सबसे भारी रॉकेट LMV-3 किया लॉन्च
OneWeb Group Company: इसरो ने इतिहास रच दिया है. सबसे भारी रॉकेट LVM-3 लॉन्च कर दिया गया है. रॉकेट LVM-3 ने ब्रिटेन की कंपनी के 36 ब्रॉडबैंड सैटेलाइट लेकर उड़ान भरी. बेहतर कनेक्टिविटी ही इसरो का लक्ष्य है.
ISRO LVM-3: इसरो (Isro) ने आज अपना सबसे भारी रॉकेट LVM-3 लॉन्च किया. आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा से ब्रिटेन की कंपनी वनवेब (OneWeb) के 36 ब्रॉडबैंड सैटेलाइट (Broadband Satellites) लेकर रॉकेट ने उड़ान भरी. इसरो का लक्ष्य दुनिया को बेहतर कनेक्टिविटी देना का है. बता दें कि ब्रिटेन की नेटवर्क एक्सेस एसोसिएट्स लिमिटेड OneWeb Group Company ने पृथ्वी (Earth) की निचली कक्षा में 72 उपग्रहों (Satellites) को स्थापित करने के लिए इसरो की कमर्शियल ब्रांच न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (Newspace India Limited) से एक डील की है.
रॉकेट की है इतनी क्षमता
बता दें कि इसरो ने इस मिशन को LVM3-M3/वनवेब इंडिया-2 मिशन नाम दिया. इसरो के इस रॉकेट की क्षमता लो अर्थ ऑर्बिट में 10 टन और Geo ट्रांसफर ऑर्बिट में 4 टन है. LMV3 का ये लगातार पांचवां सफल मिशन है. इसमें चंद्रयान-2 मिशन भी शामिल है.
2023 की दूसरी लॉन्चिंग
जान लें कि वनवेब के लिए पहले 36 सैटेलाइट 23 अक्टूबर 2022 को लॉन्च किए गए थे. इसरो ने एक नोटिफिकेशन में कहा था कि एलवीएम-एम3/वनवेब इंडिया-2 मिशन की उल्टी गिनती की शुरुआत हो गई है. इसरो के लिए 2023 की ये दूसरी लॉन्चिंग है.
सैटेलाइट्स की संख्या 616 हो जाएगी पूरी
वनवेब ने कहा कि 18वीं लॉन्चिंग पूरी हो गई है. 36 और सैटेलाइट को प्रक्षेपित करने के साथ ही धरती की कक्षा में स्थापित हमारे सैटेलाइट्स की संख्या 616 हो जाएगी. ये इस साल ग्लोबल सर्विस शुरू करने के लिए पर्याप्त है.
आपको बता दें कि इसरो के 43.5 मीटर लंबे रॉकेट को 24.5 घंटे की उल्टी गिनती खत्म होने के बाद चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर दूर सतीश धवन स्पेस सेंटर में दूसरे लॉन्च पैड से रविवार सुबह नौ बजे लॉन्च किया गया. भारती एंटरप्राइसेस वनवेब ग्रुप में एक बड़ी निवेशक है. वनवेब स्पेस से संचालित एक ग्लोबल कम्युनिकेशन नेटवर्क है जो सरकारों और उद्योगों को संपर्क की सुविधा मुहैया कराता है.
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