VIDEO: आज इतिहास रचने को तैयार है ISRO, यहां देखिए PSLV-C42 की लाइव लॉचिंग
श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से पीएसएसवी-सी42 के लांच का काउंटडाउन शुरू हो गया है. भारत के लिए ये ऐतिहासिक अवसर इसलिए है क्योंकि ये इसरो का पहला पूरी तरह कमर्शियल लांच है.
नई दिल्ली: श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से पीएसएलवी-सी42 के लांच का काउंटडाउन शुरू हो गया है. भारत के लिए ये ऐतिहासिक अवसर इसलिए है क्योंकि ये इसरो का पहला पूरी तरह कमर्शियल लांच है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया है कि पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-सी42 (पीएसएलवी) ब्रिटेन के दो उपग्रहों को लेकर अंतरिक्ष में जाएगा. ये उपग्रह हैं नोवासार और एस1-4. पीएसएलवी-सी42 रविवार रात 10 बजकर सात मिनट पर रवाना होगा. उन उपग्रहों की लांचिंग का लाइव प्रसारण इस लिंक पर क्लिक करके रात साढ़े नौ बजे से देखा जा सकता है.
क्या है खासियत?
इन दोनों उपग्रहों का वजन 583 किलो है और इन्हें इसरो की वाणिज्यिक इकाई एंट्रिक्स कारपोरेशन लिमिटेड के साथ हुए करार के तहत लांच किया जाएगा. एस1-4 उपग्रह का उपयोग संसाधनों की निगरानी, पर्यावरण का निरीक्षण, शहरी विकास प्रबंधन और आपदा नियंत्रण के लिए किया जाएगा. नोवासार का उपयोग मुख्य रूप से जंगलों के नक्शे, भूमि उपयोग और बर्फीली जमीन के निरीक्षण के लिए किया जाएगा. इसके अलावा बाढ़ एवं आपदा निरीक्षण, जहाजों का पता लगाने और समु्द्री निरीक्षण के लिए भी इसका उपयोग किया जाएगा. इन दोनों उपग्रहों को 582 किलोमीटर सन सिंक्रोनस ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा.
इसरो ने जारी किया वीडियो
इस मौके पर इसरो ने एक वीडियो भी जारी किया. इसरो ने बताया कि भारत ने प्रक्षेपण यान तकनीक में आत्म निर्भर होने के लिए बहुत लंबा और कठिन रास्ता तय किया है और इस तकनीक को अपने आप सीखा है. इसरो अब एक साथ कई उपग्रह प्रक्षेपित कर सकता है. सबसे पहले 1999 में एक साथ तीन उपग्रह लांच किए गए, 2008 तक 10 उपग्रह और 2017 में एक साथ 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में लांच करने का रिकॉर्ड इसरो ने बनाया.
पिछले 25 वर्षों में भारत ने पीएसएलवी के जरिए 52 स्वदेशी और 237 विदेशी उपग्रहों को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक लांच किया जा चुका है. अब हल्के और भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए पीएसएलवी के दो संस्करण कोर अलोन और हाईएंड एक्सएल वर्जन मौजूद हैं.