Pragyan Rover Images:  चांद की सतह पर विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर आराम कर रहे हैं. विक्रम लैंडर के इंजन को जब स्लीपिंग मोड में डाला गया उससे पहले उसे चांद की सतह पर 30 से 40 सेमी उठाकर शिवशक्ति प्वाइंट से 30 से 40 सेमी दूर दोबारा लैंड कराया गया. इसरो के मुताबिक इससे ह्यूमन मिशन की संभावनाओं को नया द्वार खुला है. इन सबके बीच इसरो(isro chandrayaan 3 mission) ने चांद की सतह की तस्वीर भी भेजी है जिसे आपने शायद ना देखा हो.


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प्रज्ञान रोवर ने ली तस्वीर


इसरो ने प्रज्ञान रोवर पर तैनात navcam के जरिए ली गई तस्वीर को साझा किया है जिसमें आप देख सकते हैं कि चांद की सतह(moon surface omages) पर अलग अलग रंगों में कण बिखरे हुए हैं. अभी तक हम चांद के खुदरे सतह को देख रहे थे. चांद की सतह को जिस तकनीक के जरिए पेश किया गया है उसे एनालिफ कहते हैं. एनालिफ को स्टीरियोस्कोपिक फोटोग्राफ भी कहते हैं जिसमें दो तस्वीरों को सुपरइंपोज कर उन्हें अलग अलग कलर में प्रिंट किया जाता है. जब इसे ग्लास के जरिए देखते हैं तो 3डी इफ्केट का अनुभव होता है.


23 अगस्त को चंद्रयान 3 ने की थी लैंडिंग


चंद्रयान-3 23 (chandrayaan 3 mission)अगस्त को चंद्रमा पर उतरा था. इसरो ने 3 सितंबर को कहा था कि उसने लैंडर और रोवर को हाइबरनेशन मोड में डाल दिया है क्योंकि चंद्रमा पर दिन का समय समाप्त हो रहा था। मिशन के चंद्रमा पर केवल एक चंद्र दिवस तक संचालित होने की उम्मीद थी जो हमारे ग्रह पर लगभग 14 दिनों के बराबर है. इसरो को उम्मीद है कि 22 सितंबर को जब एक बार फिर चांद के दक्षिणी ध्रुव वाले हिस्से पर सूरज उगेगा उसके बाद विक्रम और प्रज्ञान दोनों काम करना शुरू कर देंगे. बता दें कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर सूरज से मिली ऊर्जा का इस्तेमाल कर रहे थे.