मीडिया हाउस पर छापों को लेकर IT डिपार्टमेंट की सफाई, खबरें बदलवाने के आरोपों का किया खंडन
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (IT Department) ने कथित रूप से टैक्स चोरी को लेकर देश भर में कई स्थानों पर मीडिया हाउस के कार्यालयों की तलाशी ली. इस कार्रवाई को लेकर लगाए जा आरोपों का IT डिपार्टमेंट ने खंडन किया है.
नई दिल्ली: मीडिया समूहों पर आयकर के छापों को लेकर आ रही कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (IT Department) ने खंडन किया है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से कहा गया है, 'मीडिया के कुछ वर्गों द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं कि ITDept के अधिकारी एक पब्लिकेशन हाउस के ऑफिसों की तलाशी के दौरान खबरों में बदलाव का सुझाव दे रहे थे और संपादकीय निर्णय ले रहे थे. ये आरोप बिल्कुल झूठे हैं और ITDep द्वारा स्पष्ट रूप से इनका खंडन जाता है.'
'सिर्फ टैक्सी चोरी से जुड़े वित्तीय लेन-देन की जांच'
इसके अलावा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (IT Department) ने कहा है, 'विभाग के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए जांच दल ने सिर्फ कर चोरी से जुड़े समूह के वित्तीय लेन-देन की जांच की. इसके साथ ही ओम गौर द्वारा दिए गए एक इंटरव्यू में लगाए गए आरोपों का भी खंडन किया है. IT डिपार्टमेंट ने कहा है, 'लगाए जा रहे आरोपों का कोई आधार नहीं है और वास्तव में ये प्रेरित लगते हैं.'
'एजेंसियां अपना काम करती हैं'
वहीं इससे पहले आयकर के छापों को लेकर विपक्षी दलों के आरोपों के बीच सरकार ने गुरुवार को कहा कि एजेंसियां अपना काम करती हैं और ‘इनमें हमारा कोई हस्तक्षेप नहीं होता.’ सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस बारे में कहा कि पूरी जानकारी जरूर लेनी चाहिए. कई बार जानकारी के अभाव में भी बहुत सारे विषय ऐसे आते हैं जो सत्य से परे होते हैं. गौरतलब है कि आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोपों में दो मीडिया समूहों के विभिन्न शहरों में स्थित परिसरों पर बृहस्पतिवार को छापे मारे.
राज्य सभा में हुआ हंगामा
वहीं मीडिया घरानों पर छापे पर चर्चा की मांग करते हुए विपक्ष ने राज्य सभा में जमकर हंगामा किया. दो संक्षिप्त स्थगन के बाद, विपक्षी सदस्यों ने पेगासस मुद्दे पर आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को सदन में बयान देने नहीं दिया. हंगामे के बाद उपसभापति हरिवंश ने सदन को शुक्रवार के लिए स्थगित कर दिया. सुबह राज्य सभा की बैठक के तुरंत बाद कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह पेगासस प्रोजेक्ट और मीडिया घरानों पर छापेमारी का मुद्दा उठाना चाहते थे, लेकिन सभापति ने इसकी अनुमति नहीं दी और इसके बाद विपक्षी सांसद अपनी सीटों से खड़े हो गए और इन मुद्दों को उठाने की मांग की.
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