Narendra Modi government big decisions against China: विस्तारवादी चीन को उसकी हद में रोकने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने एलएसी ( LAC) पर निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ITBP में 7 नई बटालियनों के गठन और एक रीजनल हेडक्वार्टर के गठन को मंजूरी दी है. इसके लिए फोर्स में 9400 जवानों की भर्ती की जाएगी. इसके साथ ही चीन से सटे सरहदी इलाकों में मानव बस्तियों को बसाने के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को आगे बढ़ाने को भी स्वीकृति दी गई. केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कैबिनेट कमेटी के इन फैसलों की जानकारी दी. 


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ITBP में 7 नई बटालियनों का गठन


अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक हुई. इसमें तिब्बत सीमा (China) पर सुरक्षा की स्थिति को मजबूत करने के लिए कई फैसले लिए गए. तिब्बत से सटी LAC पर निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ITBP की 7 नई बटालियनों के गठन को मंजूरी दी गई. इसके लिए जल्द ही 9400 जवानों की भर्ती की जाएगी.


चीन पर नजर रखने के लिए 47 नई चौकी


इसके साथ सीमा पर ITBP की बटालियनों में बेहतर समन्वय के लिए रीजनल हेडक्वार्टर बनाए जाने को भी कमेटी ने अपनी स्वीकृति दी. इन बटालियनों का गठन हो जाने से भारत-तिब्बत सरहद पर 47 नई सीमा चौकी और 12 नए ITBP शुरू हो जाएंगे. जिससे बॉर्डर पर चीन (China) की गतिविधियों पर नजर रखने और उसे तुरंत काउंटर करने में काफी मदद मिलेगी. 


सरहदी इलाकों में चलेगा 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम'


इसके साथ ही सरहदी इलाकों में मानव बस्तियों को बसाने के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को आगे बढ़ाने की भी मंजूरी दी गई. इस प्रोग्राम के तहत सीमा से सटे इलाकों में बिजली-पानी, सड़क, सुरक्षा, पढ़ाई और रोजगार के साधन सरकार की ओर से मुहैया करवाए जाते हैं, जिससे वहां के लोग पलायन न करें और निर्जन पड़े इलाकों पर चीन अपनी गलत नजरें न गड़ा सके. चीन भी इसी तरह की रणनीति तिब्बत में सीमा के उस पार अपना रहा है, जिसके जवाब में भारत ने यह प्रोग्राम शुरू किया है. 


भारत की पहली डिफेंस लाइन हैं BSF-ITBP


बताते चलें कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर बीएसएफ (BSF) और भारत-चीन सीमा पर आईटीबीपी (ITBP) भारत की पहली डिफेंस लाइन है. ये दोनों सुरक्षा बल ही सीमा पर सेना के साथ मिलकर नियमित रूप से गश्त करते हैं. जब बॉर्डर पर हालात बिगड़ जाते हैं, तभी सेना अपने साजो-सामान और हथियारों के साथ बॉर्डर की ओर कूच करती है और दोनों अर्ध सैनिक बलों को उनके सहयोग में लगा दिया जाता है. इस लिहाज से मोदी सरकार का यह कदम चीन को पंच मारने जैसा है. 


अब घुटनों पर बैठने को मजबूर होगा ड्रैगन


भारत-तिब्बत सीमा ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों और गहरी खाइयों से होकर गुजर रही है. जहां पर कई जगह इलाका दुर्गम इलाका होने की वजह से पर्याप्त मात्रा में आईटीबीपी की चौकियां और जवान तैनात नहीं हैं. इसका फायदा उठाकर चीन (China) के सैनिक जब-तब उन इलाकों में घुस जाते हैं और बाद में उस जमीन पर अपना दावा ठोक देते हैं. अब पूरी सरहद पर आईटीबीपी की चौकियों का जाल बिछ जाने से चीन सरहद को पार करने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगा और अगर उसने ऐसा करने की कोशिश की तो उसे जबरदस्त जवाब झेलने के लिए तैयार रहना होगा. 


(एजेंसी भाषा)


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