पंचकुला: भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की दो K9 श्वान बहनों ने बल के नेशनल ट्रेनिंग सेण्टर फॉर डॉग्स (NTCD), पंचकुला, हरियाणा में 17 तंदुरुस्त पप्स को जन्म दिया है. दोनों श्वान माताएं अभी आईटीबीपी के इस ब्रीडिंग केंद्र में अपने बच्चों की देखभाल कर रही हैं.


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5 साल की उम्र की आईटीबीपी की K9 स्क्वाड की सदस्य
ओल्गा और ओलेश्या 5 साल की उम्र की आईटीबीपी की K9 स्क्वाड की सदस्य हैं और इनके पिता श्वान गाला भी अभी आईटीबीपी में सेवारत हैं. ओल्गा ने 26 सितम्बर को 9 श्वान बच्चों को जबकि ओलेश्या ने 4 अक्टूबर को 8 पप्स को जन्म दिया है जो भविष्य में केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों का हिस्सा बनेंगे. इसके लिए आईटीबीपी के पास कई बलों द्वारा अनुरोध भी आने लगे हैं.


वामपंथ उग्रवाद के विरुद्ध अभियानों में K9 श्वानों का प्रयोग
आईटीबीपी पहला बल था जिसने छत्तीसगढ़ में वामपंथ उग्रवाद के विरुद्ध अभियानों में K9 श्वानों का प्रयोग एक दशक पहले प्रारंभ किया था. गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार अब आईटीबीपी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य पुलिस बलों के लिए विशिष्ट गुणवत्ता के श्वान उपलब्ध करवाने के लिए के9 श्वानों की  वैज्ञानिक ब्रीडिंग भी करवा रहा है जिससे उत्तम श्रेणी के श्वान सुरक्षा ड्यूटी के लिए उपलब्ध हो सकें.


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कई अभियानों में सुरक्षित रखने में निभाई अहम भूमिका 
गाला, ओल्गा और ओलेश्या ने पिछले दिनों में छत्तीसगढ़ में आईटीबीपी के जवानों को कई अभियानों में सुरक्षित रखने में और आईईडी को सूंघकर कई अवसरों पर बल को नुकसान होने से बचाया है. गाला को हाल में ही माननीय प्रधानमंत्री द्वारा टनल के उद्घाटन के मौके पर सुरक्षा के लिए तैनात भी किया गया था. आईटीबीपी के डीआईजी वेट डॉक्टर सुधाकर नटराजन ने इन पप्स के जन्म पर कहा कि ये आनुवंशिक तौर पर उच्च श्रेणी के श्वान हैं जो अपनी माताओं से विशिष्ट रक्त गुण लेकर पैदा हुए हैं, ये निर्भीक, फुर्तीले और उत्तम श्रेणी के स्निफ़र क्षमता रखने वाले श्वान होंगे.