Tirupati Laddu: तिरुपति मंदिर में मिलावटी लड्डू मामले में घिरे आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने शुक्रवार को इस मामले पर सफाई दी है. जगन तिरुपति मंदिर का दौरा करने वाले थे, लेकिन उन्होंने सुरक्षा कारणों से इसे रद्द कर दिया. इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सत्ताधारी टीडीपी और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर जमकर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश में राक्षसी शासन चल रहा है. अगर पूर्व मुख्यमंत्री दर्शन के लिए जा रहे हैं तो उनको रोकना गलत बात है. पूरे देश में ऐसा कहीं नहीं होता.


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'टेंडर प्रक्रिया दशकों से जारी है'


पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'चंद्रबाबू नायडू तिरुपति लड्डुओं को लेकर राजनीति कर रहे हैं. तिरुमला घी टेंडर एक नियमित प्रक्रिया है जो हर छह महीने में एक बार होती है. यह प्रक्रिया दशकों से जारी है. तिरुपति लड्डू बहुत खास हैं. जैसा इसका स्वाद होता है, वह किसी अन्य लड्डू में पाया नहीं जाता. इन टेंडर्स की प्रक्रिया तब भी जारी रही जब YSRCP सरकार के दौरान पिछले नियम लागू थे. असली टीटीडी बोर्ड बहुत पॉपुलर था. इसमें देश के नामी लोग थे. तिरुमला में सिस्टम ऐसा था, जिसमें गलती की कोई गुंजाइश नहीं थी. इससे पहले जब चंद्रबाबू मुख्यमंत्री थे, तब खराब गुणवत्ता की वजह से 15 टैंक वापस भेजे गए थे.


'सरकार का इसमें कोई दखल नहीं'


जगन ने आगे कहा, हर छह महीने में (लड्डू के लिए) टेंडर निकाले जाते हैं और जो एल1 कम कीमत बताता है, उसे टीटीडी बोर्ड से मंजूरी मिल जाती है. इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है. टीटीडी के टेंडर नियमित रूप से निकाले जाते थे और सप्लायरों को टेंडर नीलामी के हिसाब से दिए जाते थे. टीटीडी के पास एक मजबूत तंत्र है. तिरुमला में आने वाले टैंकरों के पास एनएबीएल सर्टिफिकेट होना चाहिए. सप्लायरों को टैंकरों को रजिस्टर करवाना चाहिए और सर्टिफिकेट दिखाना चाहिए.'


'मुझे मंदिर में दर्शन नहीं करने दिए'


जगन ने कहा, 'एक तरफ, वे मेरे मंदिर दर्शन में रुकावट डालने के लिए नोटिस दे रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ, भाजपा के कार्यकर्ता अन्य जगहों से राज्य में आ रहे हैं, और कई स्थानों पर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात है. मुझे नहीं पता कि भाजपा आलाकमान को इसकी जानकारी है या नहीं. राजनीतिक ध्यान भटकाने के लिए, सीएम चंद्रबाबू नायडू ने लड्डू मुद्दे को उठाया है. सीएम चंद्रबाबू नायडू यह दिखा रहे हैं कि लड्डू प्रसादम के निर्माण में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था, जो तिरुमाला की पवित्रता और गौरव पर सवाल उठाता है. क्या यह सही है? चंद्रबाबू नायडू टीटीडी लड्डू प्रसादम पर सरासर झूठ बोल रहे हैं.'


'कई बार खारिज हुआ घी'


उन्होंने कहा, 'चंद्रबाबू नायडू के शासनकाल में 2014 से 2019 तक करीब 14-15 बार खराब गुणवत्ता के कारण घी को खारिज कर दिया गया था. इसके लिए एक मजबूत प्रक्रिया है. इसी तरह 2019 से 2024 तक 18 बार इसे खारिज कर वापस भेज दिया गया.'