Monsoon Session: `45 साल से शादीशुदा हूं, कभी गुस्सा नहीं करता`, जानें किसकी बात पर राज्यसभा में लगे ठहाके
Monsoon Session: दरअसल राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी बात रखते हुए कहा,`कल सभापति के साथ मुलाकात में उन्होंने मणिपुर संबंधी कार्यस्थगन नोटिस पर चर्चा कराने की गुजारिश की थी लेकिन आप (धनखड़) जरा गुस्से में थे.
Manipur Violence: संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है. मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्षी नेता पीएम मोदी के बयान की मांग पर अड़े हुए हैं. लेकिन राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ की एक बात पर हंसी की लहर दौड़ गई. सभापति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को कहा कि वह 45 साल से ज्यादा वक्त से शादीशुदा हैं और वह कभी गुस्सा नहीं होते.
दरअसल राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी बात रखते हुए कहा,'कल सभापति के साथ मुलाकात में उन्होंने मणिपुर संबंधी कार्यस्थगन नोटिस पर चर्चा कराने की गुजारिश की थी लेकिन आप (धनखड़) जरा गुस्से में थे. इस पर सभापति ने खड़गे को टोकते हुए कहा, 'मैं 45 साल से ज्यादा वक्त से समय से शादीशुदा इंसान हूं, मैं कभी गुस्सा नहीं करता.' उनकी इस बात पर सदन में हंसी की लहर दौड़ गई.
धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम एक नामी वरिष्ठ वकील हैं और वह जानते हैं कि एक वरिष्ठ वकील के रूप में हमें गुस्सा करने का कोई अधिकार नहीं है, कम से कम प्राधिकार के सामने या आप (नेता प्रतिपक्ष खड़गे) एक प्राधिकार हैं...मैं कभी गुस्सा नहीं करता.' सभापति ने खड़गे से कहा कि वह अपनी बात में सुधार कर लें.
इस पर खड़गे ने कहा, 'आप गुस्सा नहीं करते, आप (गुस्सा) दिखाते नहीं लेकिन बराबर अंदर से करते हैं.' खड़गे की इस बात पर न केवल सभी सदस्य बल्कि सभापति धनखड़ भी खिलखिला कर हंसने लगे.
दूसरी ओर, राज्यसभा में मणिपुर के मुद्दे को लेकर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कुछ अन्य विपक्षी नेताओं से मुलाकात की.
यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है, जब विपक्ष के दलों ने सभापति जगदीप धनखड़ की ओर से बुलाई गई बैठक से दूरी बना ली. दूसरी तरफ, राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने कहा कि विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के घटक दलों ने गतिरोध खत्म करने के लिए बीच का रास्ता सुझाया है और उम्मीद है कि सरकार इसे स्वीकार करेगी. हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि विपक्ष ने क्या पेशकश की है.
रमेश ने ट्वीट में कहा, 'गतिरोध को दूर करने और राज्यसभा में मणिपुर पर निर्बाध तरीके से चर्चा कराने के लिए सदन के नेता (गोयल) को बीच के रास्ते की पेशकश की है. उम्मीद है कि मोदी सरकार इसे स्वीकार कर लेगी.