Delhi Jahangirpuri Violence: जहांगीरपुरी हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने रोहिणी कोर्ट में चार्जशीट फाइल की है. करीब 2100 पन्नों की चार्जशीट में 37 आरोपियों नाम हैं. बता दें कि इस मामले में अब तक दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच 37 बालिग आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. यह चार्जशीट IPC की धारा 186, 353, 332, 323, 436, 109, 147, 148, 149, 307, 427, 120 B, 34, 25-27 आर्म्स एक्ट के तहत फाइल की गई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पुलिस ने लिया वीडियोज का सहारा


दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी क्राइम रविन्द्र यादव के नेतृत्व में डीसीपी विचित्र वीर, डीसीपी रोहित मीणा, एसीपी अभिनेन्द्र जैन और एसीपी प्रदीप पालीवाल की टीम ने इस चार्जशीट को तैयार किया है. इन आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने करीब 2300 से ज्यादा मोबाइल वीडियो और सीसीटीवी की मदद ली है और मोबाइल डंप डाटा, CDR, फोन लोकेशन का सहारा लिया है.


3 मास्टरमाइंड की हुई पहचान


पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए चेहरों की पहचान करने वाले (Face Recognition System) सिस्टम का भी सहारा लिया है. जिससे आरोपी की पहचान करने में मदद मिली है. पुलिस के मुताबिक दिल्ली के जहांगीरपुरी की हिंसा एक साजिश के तहत की गई थी. आरोपियों से पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि इस हिंसा के 3 मास्टरमाइंड थे. हिंसा का मुख्य आरोपी तबरेज अंसारी, मोहम्मद अंसार और इशर्फिल थे. आरोपी इशर्फिल को पुलिस ने अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है.


हिंसा का पहला मास्टरमाइंड


आरोपी तबरेज अंसारी अपने दो चेहरों के साथ साजिश रच रहा था. पुलिस के सामने अच्छा बनकर अमन चैन की बात करना, वहीं पीछे से लोगों को उकसाने का काम करना. तबरेज ने लोगों को भड़काने का सिलसिला CAA-NRC के दौरान शुरू किया था. CAA-NRC के खिलाफ जहांगीर के कुशल चौक पर चलने वाली प्रोटेस्ट साइट को चलाने में इसका अहम रोल था. तब से ही इसका इलाके में मुस्लिमों को भड़काने का सिलसिला लगातार जारी था.


हिंसा का दूसरा मास्टरमाइंड


आरोपी शेख इशर्फिल वो शख्स है जिसकी छतों से पथराव और कांच की बोतलें फेंकी गई थी. इसकी मकान की छत से FSL को जांच के दौरान पत्थर और कांच की बोतलें भी मिली हैं. इसका और इसके बेटे अशनूर और मोहम्मद अली का क्रिमिनल बैकग्राउंड भी पुलिस को जांच के दौरान मिला है. पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि इसने भी CAA-NRC के दौरान यहां से लोगों को इकठ्ठा कर बसों में उनको भरकर प्रोटेस्ट में ले गया. वहीं इशर्फिल पार्किंग माफिया भी है ओर अभी तक गिरफ्तार नहीं हुआ है.


हिंसा का तीसरा मास्टरमाइंड


आरोपी मोहम्मद अंसार भी तबरेज अंसारी के साथ मिलकर हिंसा की साजिश में शामिल था. हिंसा वाले दिन इसने लोगों को भड़काने का काम किया था. दिल्ली पुलिस अब तक इस हिंसा में 2 माइनर समेत 37 आरोपियों को पकड़ चुकी है. पुलिस की जांच में सामने आया कि हिंसा से करीब 6 दिन पहले यानी 10 अप्रैल राम नवमी से ही हिंसा के आरोपियों ने 16 अप्रैल हुनमान जयंती पर हिंसा करने का प्लान किया था.


साजिश के तहत की गई हिंसा


प्लानिंग के तहत आरोपियों ने घरों की छतों पर पत्थर और कांच की बोतलें रखीं थीं. ताकि हनुमान जयंती शोभा यात्रा के दौरान पथराव किया जा सके. पुलिस अब तक गिरफ्तार आरोपियों के पास से तलवार और देसी कट्टे बरामद कर चुकी है जिनकी संख्या दोनों को मिलाकर करीब 15 है.


ये स्टोरी आपने पढ़ी देश की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर


 


LIVE TV