DNA With Sudhir Chaudhary: आज नवजोत सिंह सिद्धू 33 साल पुराने Road Rage के एक मामले में एक साल के लिए जेल चले गए. हालांकि सिद्धू को उम्मीद थी कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल जाएगी और वो जेल जाने से बच जाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया. यानी इस मामले में सिद्धू के पास एक ही रास्ता बचा था और वो रास्ता था जेल का.


सिद्धू के चार बड़े Playgrounds


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आज आपको नवजोत सिंह सिद्धू के चार बड़े Playgrounds को जरूर देखना चाहिए. इनमें पहला Playground है क्रिकेट का मैदान. जब वो भारत के लिए क्रिकेट खेला करते थे. इसके बाद उन्होंने TV Shows में काम किया. टीवी स्टूडियो उनका दूसरा Playground था. फिर वो नेता बन गए और राजनीति उनका नया Playground बन गई और राजनीति के बाद अब जेल उनका नया Playground है.


आखिर क्या हुआ था 33 साल पहले?


सिद्धू को Road Rage के जिस मामले में एक साल के लिए जेल भेजा गया है, वो मामला 33 साल पुराना है. सोचिए, हमारे देश की न्यायिक व्यवस्था कितनी सुस्त है कि उसे ये तय करने में 33 साल लग गए कि सिद्धू इस मामले में दोषी हैं. ये मामला 27 दिसंबर 1988 की एक घटना से जुड़ा है, जब सिद्धू का पटियाला में अपनी गाड़ी की पार्किंग को लेकर 65 साल के एक व्यक्ति गुरनाम सिंह से झगड़ा हो गया था. और कहा जाता है कि इसके बाद सिद्धू ने उनके साथ मारपीट की और इस मारपीट में इस व्यक्ति की मौत हो गई.


सबूतों के अभाव में हुए थे बरी


बड़ी बात ये है कि 1999 में Sessions Court ने सिद्धू को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. लेकिन इसके बाद ये मामला हाई कोर्ट पहुंचा और वर्ष 2006 में अदालत ने सिद्धू को 3 साल कैद की सजा दी. तब सिद्धू को इसी तरह जेल जाना पड़ा था. हालांकि 2018 में फिर से ये मामला सुप्रीम कोर्ट गया और अदालत ने उन्हें एक बार फिर से बरी कर दिया. लेकिन इस फैसले के चार साल बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू पर अपना फैसला बदलते हुए उन्हें एक साल कैद की सजा सुनाई है. इससे आप समझ सकते हैं कि हमारे देश में न्यायिक व्यवस्था की क्या स्थिति है.