Jaishankar Z Security: विदेश मंत्री जयशंकर को मिली Z सिक्योरिटी, क्यों बढ़ी सुरक्षा और क्या हैं इसके मायने
Home Ministry: सीआरपीएफ की वाईआईपी सुरक्षा फिलहाल 176 लोगों को मिली हुई है, जिनमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी शामिल हैं.
S JaiShankar Profile: केंद्र सरकार ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा बढ़ा दी है. उन्हें Y की जगह अब Z कैटेगरी की सिक्योरिटी दी जाएगी. सूत्रों के मुतबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को जयशंकर (68) की सुरक्षा का जिम्मा संभालने का आदेश दिया है. इससे पहले उन्हें दिल्ली पुलिस Y कैटेगरी की सिक्योरिटी दे रही थी. इसके तहत हथियारबंद सुरक्षा कर्मियों की टीम उनकी सुरक्षा में तैनात रहती थी. इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की तरफ से मिली रिपोर्ट के बाद जयशंकर को Z सिक्योरिटी दी गई है.
15 कमांडो हमेशा रहेंगे साथ
सूत्रों ने बताया कि उन्हें अब सीआरपीएफ Z कैटेगरी की सुरक्षा देगी और इसके तहत करीब 22 सशस्त्र कमांडो 24 घंटे शिफ्ट में उनके साथ रहेंगे. सीआरपीएफ की वाईआईपी सुरक्षा फिलहाल 176 लोगों को मिली हुई है, जिनमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी शामिल हैं. इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की तरफ से मिली रिपोर्ट के बाद जयशंकर को Z सिक्योरिटी दी गई है. गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय देश के वीआईपी लोगों पर खतरों को लेकर नियमित बैठकें करता है. MHA की हालिया बैठक के दौरान जयशंकर की जान को खतरा बताया गया था.
मुखर होकर रखते हैं अपनी बात
एस जयशंकर का नाम मोदी कैबिनेट के सबसे मुखर मंत्रियों में आता है. वह न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी बेहद खरे तरीके से अपनी बात रखते हैं. भारत की विदेश नीति में आई आक्रामकता में भी उनका ही हाथ माना जाता है. इसके अलावा अमेरिका में हाउडी मोदी हो या भारत में नमस्ते ट्रंप या खालिस्तान के मुद्दे पर अपनी बात रखनी हो तो जयशंकर मुखर होकर बोलते हैं.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सिक्योरिटी देने के लिए 5 श्रेणियां बनाई हुई हैं. ये हैं- X,Y,Y+, Z और Z+. जिस स्तर का खतरा होता है, उसी के मुताबिक व्यक्ति को सुरक्षा दी जाती है. हालांकि अगर किसी की श्रेणी बढ़ती है तो उसका खर्च भी बढ़ जाता है. हालांकि किस श्रेणी की सुरक्षा पर कितना खर्च आता है, इस बारे में कोई सटीक जानकारी तो उपलब्ध नहीं है. लेकिन अनुमान के मुताबिक, हर महीने जेड कैटेगरी की सुरक्षा में 15-20 लाख रुपये का खर्च आता है.