श्रीनगर: जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) से धारा 370 और 35ए का प्रावधान हटाने के फैसले पर हायतौबा मचाने वालों को जवाब देने वाली तस्वीर सामने आई है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल (Ajit Doval) बुधवार को जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के शोपियां में जमीनी हकीकत का जायजा लेने पहुंचे. यहां लोगों ने उन्हें हाथों-हाथा लिया. डोभाल ने भी आम जनता की भावनाओं का ख्याल रखते हुए राह चलते ही उनके साथ बिरयानी का लुत्फ उठाया. डोभाल के बिरयानी खाने की यह तस्वीर साफ बयां कर रही है कि जम्मू-कश्मीर के हालात वैसे नहीं हैं जैसा कि कुछ राजनेता दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं.


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इस दौरान डोभाल ने आम लोगों से बातचीत भी की. उनसे जमीनी हकीकत समझने की कोशिश की क्या वाकई राज्य से धारा 370 और 35ए का प्रावधान हटाए जाने उनमें नाराजगी है. सामने आई तस्वीर तो साफ बयां कर रही है कि आम लोग इससे काफी खुश हैं. बस चंद राजनेता अपने निजी हितों की रक्षा के लिए संसद और मीडिया में झूठे बयान दे रहे हैं.



जम्मू-कश्मीर के शोपियां पहुंचे अजीत डोभाल ने पहले सुरक्षाबलों का हालचाल जाना. उसके बाद शोपियां के स्थानीय लोगों के साथ खाना भी खाया. जम्मू-कश्मीर में धारा 370 खत्म होने के बाद NSA प्रमुख अजीत डोभाल और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह शोपियां पहुंचे. उन्होंने सुरक्षाबलों से बातचीत की और हालचाल जाना. 


इस दौरान अजीत डोभाल ने सुरक्षाबलों को अपने बारे में बताया. डीजीपी दिलबाग सिंह ने भी जवानों को बताया कि कैसे एनएसए प्रमुख उनके काम को सराहा है. इसके बाद NSA प्रमुख अजीत डोभाल शोपियां के लोगों से मुलाकात की. वहां उन्होंने लोगों से बातचीत करने के बाद उनके साथ खाना भी खाया. इस दौरान NSA प्रमुख सड़क के किनारे लोगों के साथ खाना खाते दिखे.


यहां आपको बता दें कि भारत सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल (Jammu Kashmir Reorganization Bill) पारित कराकर जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) को भारत के दूसरे राज्यों जैसा दर्जा दे दिया है. अब इस राज्य में धारा 370 और 35ए का प्रावधान खत्म हो चुका है.


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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर के पुनर्गठन बिल राज्यसभा में पेश किया. यह बिल राज्यसभा और लोकसभा दोनों से पास हो चुका है. साथ ही इसपर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी मुहर लगा दी है. 



इस विधेयक के अनुसार, जम्मू एवं कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया जाएगा. इसमें जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) एक केंद्र शासित प्रदेश रहेगा, वहीं लद्दाख दूसरा केंद्र शासित प्रदेश होगा. शाह ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा होगी लेकिन लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी. शाह ने कहा कि लद्दाख के लोग लंबे समय से उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग कर रहे थे और यह निर्णय स्थानीय जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लिया गया है.