Jammu Kashmir: अनुच्छेद 370 हटने के बाद बदल रही प्रदेश की किस्मत, Shopian में दिख रहे ये बदलाव
जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद प्रदेश तेजी से तरक्की की राह पर आगे दौड़ रहा है. इन बदलावों से जनता का जीवन भी पहले से खुशहाल हुआ है.
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद प्रदेश तेजी से तरक्की की राह पर आगे दौड़ रहा है. इन बदलावों से जनता का जीवन भी पहले से खुशहाल हुआ है. Zee News ने कश्मीर जाकर इन बदलावों के बारे में जाना.
शोपियां जिले में सुधर रहे हालात
कश्मीर के शोपियां (Shopian) जिला आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है. अब वहां पर भी हालात सुधर रहे हैं. शोपियां जिले में 45 वर्ष से अधिक उम्र के शत-प्रतिशत लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है. इसी शोपियां इलाके में शादाब हॉस्पिटल नाम का एक नया अस्पताल खुला है. अस्पताल के संचालक फैजान बताते हैं कि उसमें कुल 4 फ्लोर हैं.
Zee News से बात करते हुए फैजान ने बताया कि सरकार जम्मू कश्मीर के विकास की ओर ध्यान दे रही है. लोगों में जागरूकता फैलाई जा रही है और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ लिया जा रहा है. वे कहते हैं कि अब शोपियां की बेटियां भी घरों से निकलकर अपना हुनर दिखा रही हैं.
बेटियों को जॉब करने की मिली इजाजत
उनके अस्पताल में काम करने वाली कई युवतियां भी इसी इलाके की हैं. वे बताती हैं कि बताती हैं कि घर की चौखट नहीं लांघने का अब कोई बंधन नहीं है बल्कि घरवाले तो उनके काम पर गर्व महसूस करते हैं. उनके अस्पताल में काम कर रही आयमन अमीन कहती हैं, 'मैं यहां काम करती हूं. ये अच्छा है कि अपने जिले में काम करती हूं. ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है. घरवालों को मुझ पर फख्र होता है. उन्हें लगता है कि बेटी को भी काम करनी चाहिए.'
शोपियां (Shopian) जिले में हो रहा यह बदलाव इसलिए हैरानजनक है क्योंकि वह अक्सर होने वाली पत्थरबाजी के लिए बदनाम रहा है. इस जिले में पढ़ाई-लिखाई के बाद लड़कियां या तो घर बैठा दी जाती थीं या फिर उनकी शादी कर दी जाती थी. वहीं अनुच्छेद 370 हटने के 2 साल बाद अब बेटियों को घरों से बाहर निकलकर जॉब करने की इजाजत दी जा रही है. ये वाकई बड़ी बात है.
हर जगह दिख रहा बदलाव का असर
बदलाव के ये निशान शोपियां में हर जगह दिखाई देते हैं. वहां की मेन मार्केट अक्सर सिक्योरिटी फोर्सेज के घेरे में रहती थी. वर्ष 1989 में वहां पर 55-60 ग्रेनेड फेंके गए थे. इलाके के लोग बताते हैं कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने और राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद लोगों की सोच भी बदली है. सुरक्षाबलों ने भी स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर युवाओं का माइंडसेट बदलने में अहम भूमिका निभाई है.
सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद मंसूर कहते हैं कि इलाके में बदलाव लाने में कई अफसरों का बहुत योगदान रहा है. एसपी सिटी संजीव चौधरी ने भटके हुए युवाओं को समझाया. उन्हें देश की मुख्य धारा से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया. यही वजह है कि पहले जहां स्टोन पेल्टिंग होती थी, वहां अब हालात बदल गए हैं. मंसूर कहते हैं कि अब शोपियां (Shopian) में ग्रेनेड की नहीं बल्कि शिक्षा के ग्रेड की बात होती है. अब शोपियां पत्थरबाजों का नहीं, रोजगार के रास्ते पर आगे बढ़ते युवाओं का शहर बनता जा रहा है.
ये भी पढ़ें- Jammu Kashmir में युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा करेगी सरकार, शुरू किया 'Mission Youth'
युवाओं को मिल रहे रोजगार के अवसर
शोपियां में ही रहने वाले मुजफ्फर बशीर कहते हैं, 'मैं शोपियां (Shopian) में रहता हूं. वर्ष 2011 से अब तक बेरोजगार रहा. इस साल IDTS स्कीम के जरिए डेरी यूनिट के नाम पर लोन लिया है. शहर में दूध की आपूर्ति कम है. ऐसे में मुझ जैसे युवाओं के लिए बिजनेस का यह बढ़िया विकल्प है.'
LIVE TV