श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया (Delimitation Process) अगले साल मार्च तक खत्म हो जाएगी और इसके बाद यहां विधान सभा की सात सीटें बढ़ेंगी. परिसीमन प्रक्रिया खत्म होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में अगले साल तक चुनाव कराए जा सकेंगे. ये जानकारी परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) के चेयरपर्सन रंजना प्रकाश देसाई और सदस्य सुशील चंद्रा, केके शर्मा ने दी.


'पिछले परिसीमन में थे 12 जिले, अब 20 जिले'


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परिसीमन आयोग के चेयरपर्सन रंजना प्रकाश देसाई ने कहा, 'पिछले परिसीमन पर 12 जिले थे, लेकिन अब प्रदेश में 20 जिले है. आयोग के सदस्यों ने 290 से अधिक दलों और संगठनों से मुलाकात की, जिसमें 800 के आसपास सदस्य थे. इन दलों ने परिसीमन पर खुशी जताई. कुछ दलों ने राजनतिक आरक्षण की भी मांग की.'


'सभी संगठनों को सुनने के बाद बनेगा ड्राफ्ट'


रंजना प्रकाश देसाई ने कहा, 'सभी दलों और संगठनों को सुनने के बाद एक ड्राफ्ट बनाया जाएगा, जिसे बाद में सार्वजनिक किया जाएगा. जिसके बाद फाइनल ड्राफ्ट बनाया जाएगा.' उन्होंने आगे कहा, 'हमारा उद्देश्य सभी को साथ लेकर चलना है, जिन दलों ने परिसीमन आयोग से दूरी बनाई, हम तआ करते हैं वो आते और मिलते.'


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2011 की जनसंख्या पर आधारित होगा परिसीमन


परिसीमन आयोग के चेयरपर्सन ने कहा, 'हमारे लिए जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है. परिसीम 2011 की जनगणना पर आधारित होगा, हालांकि इसमें भौगोलिक स्थितियों और लोगों की सुविधा का भी ध्यान रखा जाएगा.' उन्होंने कहा, 'पिछले परिसीमन में भौगोलिक स्तितियों का ध्यान नहीं रखा गया था.'


नोडल अफसर बनाने की मांग


परिसीमन आयोग के सदस्यों ने चीफ सेक्रेटरी से भी मुलाकात की और प्रदेश के एक अधिकारी को नोडल अफसर बनाने की मांग की. आयोग ने कहा है कि जिन लोगों को इस परिसीमन पर कोई राय देनी हो वो इस नोडल अफसर को वो राय दे सकते हैं.


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