Election News: अपने बुनियादी अधिकारों के बारे में जानने और हर सरकारी योजना का फायदा पाने के लिए जम्मू कश्मीर में महिलाओं को राजनीतिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है. जम्मू कश्मीर चुनाव आयोग ने आगामी नगर निगम चुनावों में महिलाओं के लिए 358 से अधिक सीटें आरक्षित की हैं.


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आगामी नगर पालिका और यूएलबी चुनावों में जम्मू-कश्मीर के 77 नगर निकायों में 1119 वार्डों में से 358 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित करने का मतलब है कि अब जम्मू-कश्मीर में महिलाओं के पास एक महिला प्रतिनिधि होगी जिसके सामने वह अधिक स्वतंत्र रूप से अपनी बात रख सकेंगी और जमीनी स्तर पर सरकार के हर योजनाएं का फायदा पा सकेंगी.


महिलाओं ने किया स्वागत


अकेले श्रीनगर जिले में सीईओ ने श्रीनगर नगर निगम में महिलाओं के लिए कुल 74 वार्डों में से 25 आरक्षित करने की सिफारिश की है. जम्मू नगर निगम के लिए प्रस्ताव में महिलाओं के लिए 25 वार्डों के अलावा अनुसूचित जाति के लिए 10 और अनुसूचित जनजाति के लिए दो वार्डों का आरक्षण शामिल है.


जम्मू-कश्मीर की महिलाओं ने इस कदम का स्वागत किया है और कहा है कि इससे केंद्र शासित प्रदेश में चीजों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और एक महिला राजनीतिक सतर पर भी स्वतंत्र बनेगी.


खादी ग्राम बोर्ड की उपाध्यक्ष हिना भट्ट कहती हैं, 'यह न केवल महिला सशक्तीकरण के लिए है, बल्कि जम्मू-कश्मीर की वर्तमान राजनीति में महिलाओं ने जो भूमिका निभाई है, ये जरूरी था. महिलाएं हमेशा समाज के लिए बेहतर और पूरी निष्ठा से सोचती हैं. इस कोटा की मांग लंबे एक समय से की जा रही थी और यह महिलाओं के लिए बहुत ही खूबसूरत फैसला है. जम्मू कश्मीर में महिलाओं का दृढ़ विश्वास है और वे हमेशा आगे रहती हैं, महिलाओं ने पिछले चुनावों में प्रमुख भूमिका निभाई थी और महिलाओं को यह कोटा दिए जाने के बाद मैं बेहतर भविष्य देखती हूं.'


सुझावों के लिए 7 दिन का वक्त


अधिसूचना के अनुसार, नागरिकों और हितधारकों को प्रस्ताव के संबंध में अपनी आपत्तियां और सुझाव देने के लिए सात दिनों का समय दिया गया है. महिलाओं के लिए बड़ी संख्या में वार्ड आरक्षित करने के फैसले का राजनीतिक दलों ने भी स्वागत किया है.


बीजेपी नेता रशिदा ने कहा,  'यह एक बड़ा कदम है कि महिलाओं को उनका आरक्षण दिया गया है. पिछली सरकारों में महिलाओं को कभी आरक्षण नहीं मिला था और यह BJP है, जिसने महिलाओं को आरक्षण देने का काम किया है. इससे महिलाओं को बहुत सारे फायदे होंगे. हमें अपने अधिकार मिलेंगे और हम महिलाएं समाज के लिए और बेहतर काम कर सकेंगी. उन्होंने कहा, महिलाएं हमेशा बेहतर तरीके से काम करना जानती हैं और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम बेहतर काम करें.' 


कुछ भी नया नहीं है: PDP


हालांकि पीडीपी जैसे राजनीतिक दलों ने कहा है कि कुछ भी नया नहीं किया गया है बल्कि पुराने विचारों को नई बोतलों में बेचा जा रहा है. भाजपा सरकार ने उन कानूनों को वापस ले लिया है जो महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए थे.


वहीं पीडीपी प्रवक्ता मोहित भाना ने कहा, 'जब बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं होता है, तो वे पुराने विचारों को नई बोतलों में डालने की कोशिश करते हैं. 2018 में महिलाओं के लिए आरक्षण था. यह अच्छी बात है, जब महबूबा मुफ्ती सीएम थीं, जिन्होंने संपत्ति खरीदने और खरीदने वाली महिलाओं के लिए स्टांप ड्यूटी हटा दी थी, जिसे बीजेपी ने हटा लिया और वे महिला सशक्तीकरण की बात करते हैं. जो कानून महिलाओं की सुरक्षा के लिए थे उन्हें इस सरकार ने वापस ले लिया तो यह सब दिखावा है. चुनाव होने दीजिए और उन्हें अपनी जगह का मालूम हो जाएगी.'


इसी साल होने हैं नगर निगम चुनाव


जम्मू-कश्मीर में नगर निगम चुनाव इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है, जिसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. पूरे केंद्र शासित प्रदेश में मतदाता सूची के रिवीजन का काम पूरा हो चुका है और 2.17 लाख से ज्यादा वोटर नई सूची में बढ़े हैं.


जानकारी के मुताबिक, 2023 के नगर निगम चुनावों के लिए पूरे जम्मू-कश्मीर में 19,14,383 मतदाता होंगे, यानी 2018 में हुए पिछले नगर निगम चुनावों से 2,17,092 अधिक मतदाता इस बार अपने मत का इस्तेमाल करेंगे.