Jammu Kashmir Encounter: कहानी कश्मीर में ऐसे एनकाउंटर की, जिसमें आधा काम तो बिस्कुटों ने कर दिया!
Encounter in Srinagar: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ एनकाउंटर में कई चुनौतियां होती हैं. खुले या बाहरी इलाकों में एनकाउंटर तो सेना आसानी से कर लेती है, लेकिन असल चुनौती घनी आबादी में एनकाउंटर की रहती है. इसके लिए सेना ने एक बढ़िया जुगाड़ खोज निकाला है.
Kashmir News: आतंकियों के खात्मे में क्या बिस्कुट भी मददगार हो सकता है? ये सवाल आपको थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन है ये 100 प्रतिशत सही. कश्मीर में सेना ने आतंकियों को खामोशी से उनकी सही जगह भेजने के लिए एक जुगाड़ निकाल लिया है. इसी जुगाड़ के चलते हाल ही ने जवानों ने लश्कर के एक कमांडर का बड़ी आसानी से काम-तमाम कर दिया.
कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर उस्मान के खिलाफ सैन्य अभियान में इलाके के कुत्ते बड़ी समस्या बन रहे थे. दरअसल जवानों के इलाके में एक्टिव होते ही ये कुत्ते भोंकने लगते थे, जिससे आतंकवादियों को एक बड़ा हिंट मिल जाता था. अधिकारियों ने बताया कि इस स्थिति में जवानों ने एक जुगाड़ खोज निकाला. उन्होंने भोंकने वाले कुत्तों को शांत करने के लिए उन्हें बिस्कुट खिलाना शुरू कर दिया. सेना की ये तरकीब काम कर गई. इसी तरकीब के चलते शनिवार को श्रीनगर के घनी आबादी वाले खानयार इलाके में दिन भर चली मुठभेड़ में उस्मान मारा गया.
यह दो साल से अधिक समय में जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में पहली महत्वपूर्ण मुठभेड़ थी. स्थानीय पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संयुक्त प्रयासों से आतंकवाद रोधी यह अभियान सफल रहा. अधिकारियों ने बताया कि घाटी के इलाके से अच्छी तरह वाकिफ उस्मान 2000 के दशक की शुरुआत में आतंकी गतिविधि के बाद से ही कई हमलों को अंजाम देने के लिए कुख्यात था. पाकिस्तान में कुछ समय बिताने के बाद उसने 2016-17 के आसपास वापस इस क्षेत्र में घुसपैठ की. वह पिछले साल पुलिस उपनिरीक्षक मसरूर वानी की गोली मारकर हत्या किए जाने की घटना में भी शामिल था.
जब खुफिया जानकारी में आवासीय क्षेत्र में उस्मान की उपस्थिति का संकेत मिला तो बिना किसी नुकसान के अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए नौ घंटे की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई. अभियान के दौरान एक महत्वपूर्ण चिंता आवारा कुत्तों की उपस्थिति थी, जिनके भौंकने से आतंकवादी सतर्क हो सकता था. इसका मुकाबला करने के लिए खोजी टीमों को बिस्कुट दिए गए. जब ये टीम अपने लक्ष्य की ओर बढ़ीं तो उन्होंने आवारा कुत्तों को शांत करने के लिए उन्हें बिस्कुट खिलाए.
सुरक्षाकर्मियों की पूरी तैनाती फज्र की नमाज (भोर की नमाज) से पहले कर दी गई और 30 घरों के इर्द-गिर्द घेरा डाल दिया गया. इस दौरान एके-47, एक पिस्तौल और कई ग्रेनेड से लैस उस्मान ने सुरक्षाबलों पर भीषण गोलीबारी शुरू कर दी. इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी. मुठभेड़ के दौरान कुछ ग्रेनेड फटने से मकान में आग लग गई जिस पर सुरक्षाबलों ने तुरंत काबू पा लिया, ताकि यह आसपास के मकानों में न फैले.
कई घंटे तक चली भीषण मुठभेड़ में उस्मान को ढेर कर दिया गया. मुठभेड़ में चार सुरक्षाकर्मी घायल हो गए, जिनकी हालत स्थिर बताई जाती है. इस अभियान के साथ सुरक्षाबलों को विशेष रूप से लश्कर-ए-तैयबा का ही हिस्सा ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली है जो गैर-स्थानीय मजदूरों और सुरक्षाकर्मियों पर हमले करने में शामिल रहा है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)