Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर में आतंक का खात्मा हो रहा है. इसी बीच पिछले कुछ महीनों से दिख रही गतिविधियों से साफ़ दिख रहा है कि आतंकी अपनी रणनीति जम्मू कश्मीर में बदल चुके हैं. मैदानी इलाक़ों से वह ऊँचे घने जंगलों में अपनी बेस बना चुके हैं. वही अब वह कश्मीर से अपना फोकस शिफ्ट कर वो जम्मू और चिनाब वैली के ऊपरी इलाक़ों में कर चुके है.


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सिस्टम पूरी तरह नष्ट 


असल में इसका कारण यह है कि कश्मीर में आतंकों का ईको सिस्टम पूरी तरह नष्ट कर दिया है. यहाँ तक की जिस घर में आतंकी मिले या जिस घर या जिस बाग में आतंकी छुपा हो और उसके साथ मुठभेड़ हो, वो सारी संपत्ति जब्त की जाती है. आतंकी या आतंकों का समर्थन करने वाले आदमी को कई सुविधा से वंचित किया जाता है. 


आतंकी को जगह देने वाले या सहयोग देने वाले को ना नौकरी मिलती ना पासपोर्ट केवल उसको ही नहीं बल्कि उसके रिश्तेदारों को भी इन सुविधाओं से वंचित रखा जाता है इस करवाई ने आतंकों को मजबूर किया कश्मीर के मैदानी इलाक़ों को छोड़ने के लिए और जम्मू और कश्मीर के पहाड़ी इलाक़ों में रहने में अपनी बेस बनाने के लिए.


नई रणनीति के तहत आतंकी एक तो उस बस्ती को हमले के लिए चुनते है जहां मुस्लिम आबादी कम हो और हमला घात लगा कर होता है ताकि हमले के बाद तुरंत घने जंगलों में बानी प्राकृतिक गुफाओं में छुपा जा सके और अगर सुरक्षाबल आगे आये तो ग्रुपों में बंटे आतंकी उनपर हमला करे.


ग्रुप बनाकर घूम रहे


जम्मू की पहाड़ी इलाक़ों से लेकर कश्मीर के शोपियां कुलगाम अनंतनाग की पीरपंजल पहाड़ियों में लगभग ८०-१०० पाकिस्तान आतंकी स्थानीय आतंकों और समर्थकों के साथ है. और वे पाँच से दस की सांख्य में ग्रुप बनाकर घूम रहे है.  कठुआ से लेकर उधमपुर और पूँछ ने लेकर सुरंकोट और शोपियां तक यह आतंकी घने जंगलों में मूवमेंट कर रहे है. साथ ही चिनब घाटी में ख़ुफ़िया विनाश के मुताबिक़ यह भद्रेवह, डोडा , गंधो, वाडवान तक फैला हुए हैं.


कश्मीर और कारगिल तक हाई अलर्ट


अब ख़ुफ़िया विभाग तक यह आतंकी मंसूबे पहुँच चुके हैं और अब सुरक्षाबल नई रणनीति पर माथा पची कर रहे है ताकि इन जंगलों को आतंक मुक्त किया जाये इसके चलते हाल ही में कठुआ में एक ऊँची स्तर की बैठक की गई. जिस में ना केवल जम्मू कश्मीर बल्कि जम्मू जुड़े पंजाब के सुरक्षा अधिकारि भी शामिल हुवे. 


जम्मू से लेकर कश्मीर और कारगिल तक हाई अलर्ट घोषित किया गया है. संवेदनशील कैंपस , दफ़्तर और इमारतों के अमरनाथ यात्रा का सुरक्षा कवच बेहद मजबूत किया गया है. उम्मीद की जा रही है बहुत जल्द इस विदेशी आतंकियों उनके समर्थकों को नष्ट किया जाएगा और कश्मीर जंगल आतंक मुक्त कर दिए जाएँगे.