Terrorist Attack in Kashmir: मेरी फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस यहां नहीं बैठी है, बारामूला और श्रीनगर में बैठी है. तीन मर्तबा पाकिस्तान पर कश्मीर की वजह से जंग थोपी गई, जो हमने लड़ी... हम 300 मर्तबा जंग लड़ने के लिए तैयार हैं. किसी के जेहन में किसी किस्म का कोई शक नहीं होना चाहिए... ये भड़काऊ शब्द पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के हैं. इससे साफ है कि चुनाव करीब आते ही पाकिस्तान अपने कश्मीर एजेंडे को फोकस में लाना चाहता है. पाक पीएम ने पीओके में ये कहते हुए उकसाया था और एक हफ्ते के भीतर ही जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकियों ने हमला कर दिया. जी हां, कल हथियारों से लैस आतंकियों ने सेना की दो गाड़ियों पर घात लगाकर हमले किए. इसमें पांच सैनिक शहीद हो गए और दो घायल हैं. दुनिया जानती है पाकिस्तान आमने सामने की जंग नहीं लड़ सकता इसलिए वह आतंकियों को पालता है और कश्मीर भेजता है. 


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PoK में क्या बोले पाक पीएम


पाकिस्तान में फरवरी में चुनाव हैं और दो महीने बाद भारत में लोकसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले पाकिस्तान बॉर्डर पर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा है. वहां के केयरटेकर प्राइम मिनिस्टर अनवर-उल-हक काकर का वीडियो 14 दिसंबर को सामने आया था. वह पीओके में थे और वहां की असेंबली के स्पेशल सेशन को संबोधित कर रहे थे. मुजफ्फराबाद में उन्होंने अपनी स्पीच में कई बार बारामूला और श्रीनगर का नाम लिया.  काकर ने जोश में हाथ के इशारे से कहा था कि मेरी फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस यहां नहीं बैठी है, मेरी फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस बारामूला और श्रीनगर में बैठी है. इसके बाद सामने बैठे लोग मेज थपथपाने लगे थे. अब उसका असर दिखा है. 


काकर यहीं नहीं रुके. उन्होंने अनाप-शनाप बातें कश्मीर के बारे में कहीं. कई तरह के आरोप लगा डालें जो पाकिस्तान के हुक्मरान पिछले कई दशकों से अलापते आ रहे हैं. यह कहते हुए वह शायद पाक फंडिंग पर पलने वाले कुछ भटके नौजवानों को उकसा रहे थे. उन्होंने कह दिया कि वे हैं असली मुजाहिद. काकर ने बुरहान वानी का भी महिमामंडन किया. पाक पीएम ने आखिर में साफ कह दिया कि पाकिस्तान इस मुद्दे से कभी पीछे नहीं हटेगा. गृह मंत्री अमित शाह के संसद में दिए बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चुप नहीं बैठेगा. उन्होंने 370 खत्म करने की तारीख भी दोहराई. 


लश्कर ने कराया हमला


पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा की शाखा पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. दरअसल, आतंकियों की मौजूदगी के बारे में पुख्ता खुफिया जानकारी मिलने पर पुंछ जिले के ढेरा की गली इलाके में बुधवार रात सेना ने संयुक्त तलाशी अभियान चलाया था. जवान घटनास्थल की ओर बढ़ रहे थे, तभी आतंकवादियों ने ट्रक और जिप्सी पर गोलीबारी कर दी. घटनास्थल की तस्वीरों में सड़क पर पड़ा खून, सैनिकों के टूटे हेलमेट और सेना की गाड़ियों के टूटे शीशे दिखाई दे रहे हैं. 


अधिकारियों ने संभावना जताई कि जिन सैनिकों पर हमला किया गया, आतंकवादी उनके हथियार भी लेकर भाग गए. कुछ हफ्ते पहले राजौरी जिले में बाजीमाल वन क्षेत्र के धर्मसाल बेल्ट में गोलीबारी के दौरान दो कैप्टन सहित पांच फौजी शहीद हो गए थे. इसी साल 20 अप्रैल को सेना के वाहन पर घात लगाकर किए हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए थे. मई में चमरेर जंगल में सेना के पांच और जवान शहीद हो गए थे और मेजर रैंक का एक अधिकारी घायल हो गया था. राजौरी, पुंछ और रियासी जिलों में इस साल मुठभेड़ में 19 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं और 28 आतंकी मारे गए हैं.