श्रीनगर : बारामूला से बनिहाल चलने वाली ट्रेन कश्मीर में हुई भीषण बर्फबारी के बीच भी दौड़ती दिखी. करीब 175 किलोमीटर के इस रस्ते पर ख़ूबसूरत बर्फीली पहाड़ियों के बीच यह गाड़ी नहीं रुकी और कश्मीर के लोगों के जीवन को रफ़्तार दी. कश्मीर में कई फ़ीट बर्फबारी होने के बाद लगभग सभी रास्ते बंद हो गए. वहीं श्रीनगर जम्मू राजमार्ग दो दिनों के बाद एक तरफ़ा यातायात के लिए खोला गया, लेकिन फिसलन होने के कारण 6 घंटों का सफर 12 घंटों में तय हो रहा है.


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मुग़ल रास्ता और श्रीनगर लेह रास्ता अभी भी बंद है. वहीं बारामूला से श्रीनगर और श्रीनगर से बनिहाल का सफर पूरा करने में गाड़ी में आज 7 घंटे लगते है, लेकिन रेल इसी सफर को दो घंटों में पूरा करती है.


रेल कश्मीरियों के सफर करने की पहली पसंद बन गई है. क्या कर्मचारी क्या छात्र हर कोई रेल सफर ही अपना रहा है. जब मौसम की मार घाटी पर पड़ती है तब लोगों को जुड़े रखने में और जीवन की गाड़ी चलते रखने के लिए रेल ही एक माध्‍यम होता है. विरियान मालिक कहते है "जब गाड़ी नहीं चलती है रेल चलती है पैसा भी कम लगता है. हमें बहुत फ़ायदा मिलता है. रेल में मज़ा आता है हमें बहुत फ़ायदा है.


लोग मानते है कि जब से कश्मीर में रेल यातायात शुरु हुआ है. यह कश्मीर का एक बड़ा हिस्‍सा बन गया है. 120 किमी की रफ़्तार से चलने वाली यह गाड़ी हर दिन 10 से 12 हज़ार लोगों को यात्रा करवाती है, लोग चाहते हैं यह रेल यातायात अब कश्मीर के बाकी दूर दराज़ इलाकों तक भी जानी चाहिए. बनिहाल का निवासी फ़ारूक़ अहमद कहते है जब से ट्रेन चली तब से गरीब लोगों को फ़ायदा हुआ है. अब यह ट्रेन जम्मू तक जानी चाहिए.


कश्मीर में फ़िलहाल रेल बारामूला से बनिहाल तक ही चलती है मगर इसे जम्मू से जोड़ने के लिए काम ज़ोरों से जारी है और उम्मीद की जा रही है वर्ष 2020 तक कश्मीर रेल के रास्‍ते जम्मू और देश के बाकी हिस्‍सों से जुड़ जाएगी. वहीं भारतीय रेल विभाग ने कश्मीर में रेल को कुवाड़ा, हंदवाड़ा और उडी तक ले जाने के प्रस्ताव को भी मंज़ूर किया है.