Parliament Session: समाजवादी पार्टी से सांसद जया बच्चन सोमवार को राज्यसभा में अलग ही तेवर में नजर आईं. जब उनको सदन में जया अमिताभ बच्चन नाम से पुकारा गया तो वह भड़क गईं. आसन से जब उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने जब उनका नाम जया अमिताभ बच्चन कहकर पुकारा तो उन्होंने इस पर आपत्ति जताई. जया ने कहा कि अगर सभापति उनका नाम जया बच्चन भी पुकारते तो भी काम चल जाता. इस पर उपसभापति ने कहा कि यहां नाम पूरा लिखा आता है इसलिए मैंने यह बात कही है. 


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जया अमिताभ बच्चन बुलाने पर भड़कीं सांसद


सभापति के इस जवाब पर जया बच्चन भड़क गईं. उन्होंने कहा, इसका मतलब तो कुछ ऐसा हुआ कि महिलाओं को उनके पति के ही नाम से जाना जाएगा. उनका अपना कोई वजूद ही नहीं है, कोई अचीवमेंट नहीं है. जया बच्चन पांचवीं बार सपा की तरफ से राज्यसभा पहुंची हैं और बॉलीवुड में काम करने के साथ-साथ लंबे समय से राजनीति में एक्टिव हैं. महिलाओं से जुड़े मुद्दों को वह पुरजोर तरीके से उठाती रही हैं. 


'हर कोई पिट्ठू फिट करने में लगा है'


इतना ही नहीं, जया बच्चन ने दिल्ली कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की मृत्यु पर भी शोक जताया. जया बच्चन ने कहा, 'यह हादसा बेहद पीड़ादायक है.' जया बच्चन ने कहा, 'निर्भयाकांड को मैं आजतक नहीं भूल पाई हूं. आज मैं एक मां और दादी की हैसियत से बोल रही हूं कि सभी सदस्यों ने बच्चों को श्रद्धांजलि दी उनके मां-बाप के बारे में नहीं सोचा. इस मामले में राजनीति नहीं लानी चाहिए. हमने तीन छात्रों को खोया है. हर कोई यहां अपना पिट्ठू फिट करने में लगा है.'


जया बच्चन सीपीडब्ल्यूडी, एमसीडी और एनडीएमसी जैसी संस्थाओं पर भी बिफर गईं. उन्होंने कहा, 'जब यहां शपथ लेने से पहले मेरे घर में पानी भरा हुआ था. सारा सामान खराब हो गया. उन्होंने कहा कि ये एजेंसियां जिस तरह का मटीरियल सांसदों के घरों में इस्तेमाल करती हैं, उसकी गुणवत्ता बेहद खराब होती है और समस्या यहीं से शुरू  होती है और ये किसी सरकार की गलती नहीं है हम सभी की गलती है क्योंकि हम ना तो शिकायत करते हैं, इस पर कार्रवाई नहीं हो सकती है. जो इंचार्ज होते हैं, उनके क्या जवाब होते हैं, ये हम सोचते नहीं हैं. हम आज सिर्फ राजनीति की बातें कर रहे हैं. इससे बहुत दुख होता है. '


कोचिंग नेक्सस पर मनोज झा ने उठाए सवाल


वहीं राजद सांसद मनोज झा ने कोचिंग सेंटर्स के नेक्सस पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, 'आज कोचिंग सेंटर बहुत पावरफुल हो गए हैं. ये कहते हैं कि ये दुनिया का कोई भी एग्जाम लीक करा सकते हैं.  हम लोग आज हादसों के देश में तब्दील हो गए हैं. मनोज झा ने आगे कहा, ये मामला मेज थपथपाने का नहीं है. मौत हुई है. हत्या भी कह सकते हैं. इंस्टिट्यूट्स की जो पॉलिटिकल इकोनॉमी है, यही जड़ में है. यह आपकी अर्बन प्लानिंग को लीक कर सकता है और इसलिए ये फल-फूल रहा है.'


उन्होंने कहा, 'एक बाबा भीड़ लगातार है. भगदड़ मचती है. लोग मर जाते हैं और हम श्रद्धांजलि देकर आगे बढ़ जाते हैं. बिहार या रेल में हादसे होते हैं हम चर्चा करते हैं और आगे बढ़ जाते हैं. सीवर में उतरकर जो लोग मर जाते हैं, उनकी तो और भी चर्चा नहीं होती क्योंकि उनकी जाति तय करती है कि उनकी कितनी चर्चा होगी.' उन्होंने कहा, 'ये वेकअप कॉल है सर...वेकअप अलार्म. कहीं की सरकार हो, ये उसके लिए है. लेकिन क्या होता है कि जब नींद अच्छी आ रही होती है तो सुबह अलार्म बजता है. हम उठते हैं और अलार्म बंद करते सो जाते हैं. मैं सिर्फ इतना आग्रह करूंगा कि सदन की यह चर्चा एक अंजाम तक पहुंचे. यह बीजेपी बनाम आम आदमी पार्टी ना बने. मौत आंकड़ा नहीं है.'