जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती बोलीं- हम गठबंधन बनाने की जल्दबाजी में नहीं हैं
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के मुद्दे पर बुधवार को राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात की। यह मुलाकात जम्मू के राजभवन में हुई। बताया जा रहा है कि एक घंटे की मुलाकात के दौरान सरकार गठन के मुद्दे पर महबूबा ने राज्यपाल से चर्चा की।
श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के मुद्दे पर बुधवार को राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात की। यह मुलाकात जम्मू के राजभवन में हुई। बताया जा रहा है कि एक घंटे की मुलाकात के दौरान सरकार गठन के मुद्दे पर महबूबा ने राज्यपाल से चर्चा की।
पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल वोहरा से मिलने बाद कहा कि सरकार बनाने के लिए बहुमत जुटाना उनकी पार्टी की प्राथमिकता नहीं है। जम्मू-कश्मीर का जनादेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि विकास के एजेंडे पर जेएंडके में सरकार बननी चाहिए। जम्मू कश्मीर के लोगों ने नरेंद्र मोदी पर बड़ी जिम्मेदारी डाली है। हम जल्दबाजी में सरकार नहीं बनाना चाहते हैं। पीडीपी नेता ने यह भी कहा कि हम गठबंधन बनाने के लिए जल्दबाजी में नहीं हैं। उनके पास 55 विधायकों का समर्थन है, लेकिन उनकी प्राथमिकता जल्दी सरकार बनाने की नहीं बल्कि जनादेश का सम्मान करते हुए सबको साथ लेकर चलने की है। महबूबा ने कहा कि इस बार जम्मू में अलग और कश्मीर में अलग जनादेश आया है। ये जनादेश प्रधानमंत्री मोदी और बाकी सभी के लिए एक चुनौती है और सबको साथ लेकर चलने का एक मौका भी है। महबूबा मुफ्ती ने वाजपेयी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के लिए उठाये गए कदमों का जिक्र किया। यदि यहां सरकार बनती है तो वाजपेयी के एजेंडे पर गठबंधन सरकार बननी चाहिए।
इस बीच, महबूबा के पिता और पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद पार्टी के भीतर लगातार विचार-विमर्श कर रहे हैं। वहीं, भाजपा इस बाबत अपना प्रस्ताव गवर्नर को एक जनवरी को दे सकती है।गौर हो कि राज्यपाल ने शुक्रवार को पीडीपी अध्यक्ष और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा को अलग-अलग मुलाकातों के लिए आमंत्रित किया था ताकि जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के मुद्दे पर चर्चा की जा सके। अब तक किसी भी पार्टी या गठबंधन ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है। अगली सरकार बनाने को लेकर पीडीपी पार्टी के भीतर संभावित गठबंधनों पर चर्चा कर रही है। पीडीपी की मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर ने यहां एक बयान में कहा कि सईद पार्टी के हर स्तर के कार्यकर्ताओं से लगातार विचार-विमर्श कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के सारे विकल्प खुले हैं। महागठबंधन भी विकल्प हो सकता है।
सरकार बनाने को लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं है। सरकार गठन को लेकर राज्यपाल एन एन वोहरा की ओर से तय की गई समयसीमा भी पूरी होने के करीब है। पीडीपी के प्रवक्ता ने बताया कि हम अब तक किसी समाधान तक नहीं पहुंच सके हैं। यह बड़ी मुश्किल स्थिति है और हम इसे राज्य की बेहतरी, इसके आर्थिक विकास एवं इससे जुड़ी राजनीतिक अनिश्चितता खत्म करने के एक मौके में तब्दील करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।
उधर, सरकार गठन पर चर्चा के लिए भाजपा के दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात की थी और बाद में कहा कि एक जनवरी को पार्टी उन्हें अपना औपचारिक प्रस्ताव सौंपेगी। भाजपा महासचिव राम माधव के साथ राज्यपाल से मुलाकात करने वाले पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख जुगल किशोर शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी नेता एक जनवरी को राज्यपाल से मुलाकात करके अपना प्रस्ताव सौंपेंगे।
गौरतलब है कि राज्य विधानसभा के नतीजों के चलते प्रदेश में त्रिशंकु सदन के हालात बने हैं, जहां पीडीपी 87 सदस्यीय सदन में 28 सीटों के साथ सर्वाधिक बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और भाजपा 25 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर है। नेशनल कांफ्रेंस ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती हैं। छोटे दलों और निर्दलीयों के खाते में कुल मिलाकर सात सीटें आई हैं। अभी तक किसी भी एकल दल या दलों के गठबंधन ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है। पीडीपी इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए संभावित गठबंधन सहयोगियों को लेकर पार्टी के भीतर विचार विमर्श कर रही है। राज्य में 19 जनवरी तक निर्वाचित सरकार का गठन होना जरूरी है जिसमें विफल रहने पर राज्य में राज्यपाल का शासन लागू हो जाएगा। (एजेंसी इनपुट के साथ)