JNU professor Kidnapped: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (JNUTA) ने रविवार को आरोप लगाया कि जेएनयू के एक असिस्टेंट प्रोफेसर का सड़क पर विवाद के बाद कुछ लोगों ने कई घंटों के लिए अपहरण कर लिया और इस दौरान उन्हें शारीरिक हमले, धमकी और वसूली का सामना करना पड़ा. अपहरण और हिंसा के शिकार सहायक प्रोफेसर शरद बाविस्कर ने 18 जून को शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर एक FIR दर्ज कर ली गई है.


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आरोपी पर लगी हैं इतनी धाराएं 


पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) घनश्याम बंसल ने कहा कि इस मामले में सहायक प्रोफेसर की ओर से की गई शिकायत के आधार पर IPC की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), धारा 365 (किसी व्यक्ति का गुप्त और अनुचित रूप से सीमित / कैद करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण), धारा 392 (लूटपाट) और धारा 34 के तहत नारायणा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है.


आरोपी की धर-पकड़ के लिए बनी टीम 


बंसल ने कहा कि आरोपियों की यथा शीघ्र धर-पकड़ के लिए टीम गठित की गई है. JNUTA के आरोप के मुताबिक अपहरण के दौरान प्रोफेसर को शारीरिक हमले, धमकी और वसूली का सामना करना पड़ा. JNUTA ने बयान जारी करके आरोप लगाया कि 17-18 जून की दरमियानी रात को प्रोफेसर पर हमला किया गया. यह घटना सड़क पर यातायात विवाद के कारण हुई.


विवाद के बाद पुलिस थाने आना चाहते थे प्रोफेसर 


बयान में कहा गया कि प्रोफेसर शरद बाविस्कर (जो अपनी कार से अकेले जा रहे थे) ने जब सुझाव दिया कि विवाद को लेकर पुलिस थाने जाया जाए, तो बदमाशों के समूह ने उनका जबरन अपहरण कर लिया. बयान में कहा गया, 'दिल्ली स्थित एक मकान में उन्हें ले जाया गया, जहां उन्हें तीन घंटे से अधिक समय तक कैद करके रखा गया.' 


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JNUTA ने जताई ये उम्मीद 


इसके आगे इस बयान में बताया गया है, 'जब सहायक प्रोफेसर ने मुक्त करने के लिए अपने अपहरणकर्ताओं के सामने तर्क देने की कोशिश की, तो उन्हें मौखिक दुर्व्यवहार, शारीरिक हमला, धमकी और जबरन वसूली का शिकार होना पड़ा.' JNUTA ने उम्मीद जताई कि दिल्ली पुलिस दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ लेगी और प्रोफेसर बाविस्कर और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी. (इनपुट: भाषा)


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