Waqf Amendment Bill: वक्फ को लेकर JPC की बैठक खत्म, पक्ष-विपक्ष में किसका पलड़ा रहा भारी, जानें सबकुछ
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JPC meeting on Waqf Bill final draft adopted: वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच कर रही संसद की संयुक्त समिति ने बुधवार को इसकी मसौदा रिपोर्ट और संशोधित संस्करण को स्वीकार कर लिया है. जानें कितने संशोधनों के साथ वक्फ संशोधन विधेयक को मिली मंजूरी, विपक्ष और पक्ष दोनों के तरफ कितने पड़े वोट.
Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर जेपीसी की बैठक खत्म हो चुकी है. जेपीसी ने 11 के मुकाबले 14 वोट से स्वीकार कर लिया. इसके साथ ही विपक्षी सदस्यों को शाम बुधवार शाम चार बजे तक असहमति नोट देने के लिए कहा गया है. इससे पहले जेपीसी ने सोमवार को भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सदस्यों ने प्रस्तावित 14 संशोधनों के साथ वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दी थी. विपक्षी सांसदों ने 44 बदलाव पेश किए थे जिन्हें खारिज कर दिया गया था और इस कारण राजनीतिक दलों में हंगामा मच गया था.
सोमवार को मिली वक्फ संशोधन को मंजूरी
सोमवार को, देश भर में वक्फ बोर्डों के प्रशासन के तरीके में सुधार लाने के लिए लाए गए वक्फ संशोधन विधेयक को जेपीसी ने 16:10 सदस्यों (एनडीए के 16 और विपक्षी दलों के 10) के अंतर से मंजूरी दी थी. रिपोर्ट के अनुसार, वक्फ विधेयक में कुल 66 संशोधन प्रस्तावित किए गए थे, जिनमें सत्तारूढ़ भाजपा सांसदों द्वारा 23 और विपक्षी सदस्यों द्वारा 44 संशोधन शामिल थे. जेपीसी के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह संसदीय पैनल की अंतिम बैठक थी और बहुमत के आधार पर कुल 14 संशोधनों को मंजूरी दी गई.
वक्फ संशोधन पर छह महीने हुई बैठक
उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, "पिछले छह महीनों के विचार-विमर्श में, हमने कई संशोधनों पर चर्चा की. सभी संशोधन पर मतदान हुआ और सदस्यों ने अपना फैसला सुनाया, जिसमें 16 ने इसके पक्ष में मतदान किया जबकि 14 ने संशोधनों का विरोध किया." विपक्ष ने समिति के अध्यक्ष पर पक्षपात और सत्तारूढ़ पार्टी के प्रति झुकाव का आरोप लगाया था.
विपक्ष ने जताया विरोध
विपक्ष ने यह भी दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी में विधानसभा चुनाव से पहले वक्फ के प्रक्रिया में जल्दबाजी की जा रही है. सोमवार को जेपीसी में शामिल 11 विपक्षी सांसदों ने अध्यक्ष जगदंबिका पाल के 'निरंकुश' व्यवहार और एनडीए सदस्यों द्वारा प्रस्तावित 14 संशोधनों को स्वीकार करने में उनकी जल्दबाजी पर निशाना साधा था. एक संयुक्त बयान में, विपक्षी सांसदों ने कहा, “समिति विचार-विमर्श के अंतिम चरण में पहुंच गई है. हम विपक्ष के सदस्य जेपीसी की कार्यवाही के संचालन और उसमें शामिल नियमों और प्रक्रियाओं पर अपना विरोध दर्ज कराते हैं.”
क्या था वक्फ (संशोधन) विधेयक?
गौरतलब है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में पेश किया था और इसे 8 अगस्त 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था. इस विधेयक का उद्देश्य 1995 में बने वक्फ अधिनियम में संशोधन करना है ताकि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और विनियमन से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जा सके. इनपुट आईएएनएस से भी