जस्टिन ट्रूडो ने फिर लगाए आरोप, कहा- निज्जर की हत्या के पीछे INDIA के एजेंट
Justine Treadeu: ट्रूडो का आरोप है कि मैंने सोमवार को ही कहा था कि इस बात को मानने की विश्वसनीय वजहें हैं कि कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे.
Hardeep Sing Nijjar: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का 'निज्जर अलाप' बंद नहीं हो रहा है. उन्होंने एक बार फिर से भारत पर आरोप लगाए हैं. ट्रूडो का आरोप है कि मैंने सोमवार को ही कहा था कि इस बात को मानने की विश्वसनीय वजहें हैं कि कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे. यह सारे उन्होंने एक बार फिर से न्यूयॉर्क में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही हैं. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि भारत सरकार इन आरोपों को गंभीरता से ले और हमारे साथ मिलकर काम करें.
दरअसल, जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया कि एक निष्पक्ष न्यायिक प्रणाली वाले देश के तौर पर यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम बेहद ईमानदारी के साथ काम करें. मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हाउस ऑफ कॉमन्स में इन आरोपों को सबके समक्ष पेश करने का फैसला बहुत गंभीरता से लिया गया है. उन्होंने कहा कि कानून का पालन करने वाले देश के तौर पर यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम निष्पक्ष तौर पर जांच करें. हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम अंतर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था का पालन करते हैं.
इससे पहले भी ट्रूडो लगातार भारत पर आरोप लगा रहे हैं जबकि भारत ने इस मामले में पूरी तरह से दो टूक कनाडा को जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारत का पक्ष रखते हुए कनाडा को मुहतोड़ जवाब दिया है. भारत ने साफ कहा है कि कनाडा खालिस्तानी आतंकवादियों को पनाह दे रहा है और इसमें पाकिस्तान उसका साथ दे रहा है. प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि कनाडा ने निज्जर के मामले में उसकी मौत के बाद और ना अभी कोई ठोस जानकारी भारत के साथ साझा की है.
प्रवक्ता ने यह भी कहा है कि भारत ने अपने यहां वांटेड आतंकी और अपराधियों के सौंपे जाने की मांग के साथ जानकारियां शेयर की हैं. अरिंदम बागची ने कहा है कि कनाडा में रहकर आतंक फैला रहे लोगों की जानकारी वहां की सरकार को दी गई लेकिन उनपर कोई एक्शन नहीं हुआ है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि कनाडा आतंकवादी गतिविधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है. उसे अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के बारे में सोचने की जरूरत है.