नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution) को बढ़ने से रोकने के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार (Delhi Govt) ने दिवाली के मौके पर 7 नवंबर से 30 नवंबर तक पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. दिल्ली सरकार के इस फैसले पर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) ने  हमला बोला और सवाल उठाया कि केजरीवाल ने प्रदूषण को कम करने के लिए और क्या-क्या किया.


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'पहले ही अपने चरम पर है प्रदूषण'
कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से सवाल किया, 'क्या हर साल दिवाली पर पटाखों को बैन करना उचित है? दिल्ली में आज तो पटाखे नहीं जल रहे हैं तो प्रदूषण का स्तर आज खराब क्यों है? करवा चौथ के दिन चांद देखने के लिए एक-एक घंटे जद्दोजहद करनी पड़ी और प्रदूषण अपने चरम पर था, लेकिन तब तो पटाखे नहीं चल रहे थे?'


'प्रदूषण को कम करने के लिए क्या और कब करेंगे'
कपिल मिश्रा ने केजरावाल से सवाल किया कि प्रदूषण कम करने के लिए वह क्या और कब करेंगे? उन्होंन कहा, 'केजरीवाल जी बताएं कि वह प्रदूषण कम करने के लिए क्या और कब करेंगे?' उन्होंने कहा, 'हर साल का यही तमाशा है कि दिवाली पर तो पटाखों पर प्रतिबंध लगा देते हैं और पूरे साल कोई प्रतिबंध नहीं. और पटाखों से कोई अलग प्रदूषण होता है इसकी कोई रिपोर्ट भी नहीं है. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान सभी जगह पटाखे जलते हैं तो क्या उन देशों को नहीं पता कि प्रदूषण से कैसे डील करना है?'


'हिंदू त्योहारों पर बैन बन गया है फैशन'
कपिल मिश्रा ने कहा, 'मुझे लगता है कि सरकार को हिंदू धर्म के त्योहारों पर बैन लगाना आता है. क्या कभी सरकार इस पर ऑर्डर दे सकती है कि ईद कैसे मनाई जाएगी और क्रिसमस कैसे मनाई जाएगी, लेकिन दिवाली कैसे मनाई जाएगी यह ऑर्डर देने में सरकार को बड़ा मजा आता है.' उन्होंने कहा, 'यह फैशन बन गया है, हिंदुओं का कोई त्योहार आए तो उस पर प्रतिबंध लगा दो. दिवाली पर पटाखे बंद कर दो. होली पर पानी की कमी कर दो. जन्माष्टमी पर दही हांडी का मजाक उड़ाना शुरू कर दो. दुनिया के किसी भी देश में कोई सरकार या कोर्ट त्योहार कैसे मनाया जाए, इसका ऑर्डर नहीं देते हैं.'


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'इस फैसले से व्यापारियों पर पड़ेगा असर'
कपिल मिश्रा ने कहा, 'पटाखे बैन का सीधा असर व्यापारियों पर पड़ेगा, क्योंकि पहले सरकार ने खुद ग्रीन क्रैकर्स की इजाजत दी थी और अब प्रतिबंध लगा दिया. 2 महीने पहले सरकार ने लाइसेंस दिए और जब व्यापारियों ने पटाखे खरीद लिए तो उस पर बैन लगा दिया गया. इस कारण व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. यह बेहद हास्यास्पद है और यह बताता है कि सरकार के पास कोई विजन नहीं है.'


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