Congress Vs BJP Karnataka: दक्षिण का द्वार कहे जाने वाले कर्नाटक की सत्ता से बीजेपी विदा हो गई है. शनिवार को आए नतीजों में कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की है. इसके बाद पीएम मोदी ने कांग्रेस को बधाई देते हुए लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने को कहा है. पीएम मोदी ने कर्नाटक में बीजेपी का समर्थन करने वालों को धन्यवाद देते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत की तारीफ की. एक ट्वीट में पीएम मोदी कहा, कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत के लिए कांग्रेस पार्टी को बधाई. लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उन्हें मेरी शुभकामनाएं.'


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क्या हैं कांग्रेस के वादे


कांग्रेस ने कर्नाटक में सत्ता में आने के पहले दिन पांच गारंटी लागू करने का वादा किया है. इन वादों में सभी घरों (गृह ज्योति) को 200 यूनिट मुफ्त बिजली, हर परिवार की महिला मुखिया (गृह लक्ष्मी) को 2,000 रुपये मासिक सहायता, गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवार (अन्न भाग्य) के हर सदस्य को 10 किलोग्राम चावल मुफ्त, बेरोजगार स्नातक युवाओं के लिए हर महीने 3,000 रुपये और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों (दोनों 18-25 आयु वर्ग में) को दो साल के लिए 1,500 रुपये (युवा निधि) और सार्वजनिक परिवहन बसों (शक्ति) में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा शामिल हैं.


कर्नाटक में बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर पर सवार होकर कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया. अब तक आए नतीजों के मुताबिक वह 224 सदस्यीय विधानसभा में 136 सीट पर जीत हासिल कर चुकी है. जबकि बीजेपी को 64 सीटों से संतोष करना पड़ा है. जेडीएस को 20 और अन्य को 4 सीटें हासिल हुई हैं.


10 मई को हुआ था मतदान


गौरतलब है कि राज्य में 10 मई को मतदान हुआ था और अधिकांश एक्जिट पोल में खंडित विधानसभा की भविष्यवाणी की गई थी. नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने हार स्वीकार कर ली है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और पार्टी कार्यकर्ताओं समेत सभी की कोशिशों के बावजूद बीजेपी इस चुनाव में अपनी छाप नहीं छोड़ सकी. इस चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले दोनों पाटियों के लिए अग्नि परीक्षा के रूप में देखा जा रहा था.


राज्य में रुझानों में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलता देख बेंगलुरु और दिल्ली में कांग्रेस के मुख्यालय में कार्यकर्ताओं और नेताओं की ओर से शुरुआती जश्न मनाया गया. इन रुझानों के आने के साथ ही एक बार फिर कर्नाटक में सत्तारूढ़ पार्टी की सत्ता में वापसी नहीं होने का 38 साल पुराना मिथक कायम रहने की उम्मीद है.


कांग्रेस ने 1989 के विधानसभा चुनाव में 178 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस चुनाव के नतीजों के बाद लिंगायत नेता वीरेंद्र पाटिल राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि अगले चुनाव में कांग्रेस 34 सीटों पर सिमट गई थी. इसके बाद 1999 के चुनाव में कांग्रेस ने 132 सीटें और 2013 के चुनाव में 122 सीटें जीती थी.