Waqf Board Pakistan: देश भर में वक्फ बोर्ड कई जमीनों पर अपना दावा करता रहा है. इस वजह से लोग अपना कामकाज छोड़कर मामले को निपटाने में लगे हुए हैं. कर्नाटक के विजयपुर जिले से भी ऐसा ही मामला सामने आया है. जिले के होनवाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन को अपना बताकर उनसे छीन रहा है.


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एक किसान धरेश ने कहा, "विजयपुर जिले के अथनी तालुका के हलसांगी में हमारी 1,500 एकड़ जमीन को वक्फ ने अपनी जमीन घोषित कर दी है और इस वजह से हमें तहसीलदार का नोटिस भी मिला है. हम गरीब हैं, आप ही बताइए हम कहां जाएं. अगर हमें साबित करना है कि जमीन हमारी है तो हमें वक्फ बोर्ड के पास जाना होगा. मेरे पास सिर्फ यही जमीन है और अगर इस पर मेरा कोई हक नहीं है तो मैं कहां जाऊं. मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस वक्फ को हटाकर मुझे मेरी जमीन वापस दी जाए."


'...तो आ जाएंगे सड़क पर'


एक किसान नेता ने कहा कि यहां के किसानों को अपने पूर्वजों से 1,500 एकड़ जमीन विरासत में मिली है. वे इस पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. अगर यह जमीन वक्फ में चली गई तो हम सड़क पर आ जाएंगे. इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वक्फ के दावों को खारिज कर हमें न्याय दिलाए. अगर केंद्र और कर्नाटक सरकार ने जल्द ही इस पर संज्ञान नहीं लिया तो यह जमीन वक्फ में चली जाएगी.


वक्फ बोर्ड पर अक्सर मनमाने तरीके से दूसरों की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने का आरोप लगता रहता है. वक्फ अधिनियम 1995 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है और अगर उसका मालिक यह साबित करने में विफल रहता है कि संपत्ति उसकी है तो वह संपत्ति वक्फ बोर्ड की हो जाएगी.


पहले नोटिस भेजकर मिल जाता था अधिकार


पहले सिर्फ नोटिस भेजकर बोर्ड को जमीन पर अधिकार मिल जाता था. लेकिन मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ नोटिस जारी करना किसी संपत्ति को वक्फ करने के लिए पर्याप्त नहीं है. इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है, जिसमें दो सर्वेक्षण, विवादों का निपटारा और राज्य सरकार और वक्फ को रिपोर्ट सौंपना शामिल है.


सरकार बोली- समीक्षा करेंगे


कर्नाटक वक्फ बोर्ड के नोटिस को लेकर विजयपुरा में किसानों के विरोध-प्रदर्शन किए जाने के बीच राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार स्थिति की समीक्षा करेगी. जब उनसे पूछा गया कि वक्फ बोर्ड ने जमीन खाली करने के लिए समय सीमा तय की है तो मंत्री ने कहा कि यह कोई समस्या नहीं है. 


इस बीच, महाराष्ट्र की सीमा से लगे उत्तर कर्नाटक के जिला मुख्यालय शहर विजयपुरा में किसानों ने इस मुद्दे को लेकर उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया. भूमि अभिलेखों और रजिस्टर्ड भूमि दस्तावेजों को अपने हाथों में लिए किसानों ने आरोप लगाया कि आवास एवं वक्फ मंत्री बी.जेड. जमीर अहमद खान के विजयपुरा दौरे के तुरंत बाद उन्हें नोटिस दिया गया. किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि मामला उनके संज्ञान में लाए बिना ही इंडी तालुक के तेनाहल्ली गांव और तिकोटा तालुक के होनवाड़ा गांव के किसानों के भूमि अभिलेखों में बदलाव कर उन्हें वक्फ के पक्ष में कर दिया गया.