चेन्नई: केन्द्र पर परोक्ष निशाना साधते हुए द्रमुक के वरिष्ठ नेता करूणानिधि ने सोमवार को कहा कि दशकों पहले राज्य में हिन्दी के खिलाफ हुए बड़े आंदोलनों की तर्ज पर संस्कृत के खिलाफ बड़े आंदोलन के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं चाहिए। 


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उन्होंने कहा, ‘मैं इस समय यह कहना चाहूंगा कि कोई भी हिन्दी थोपने के खिलाफ हुए बड़े आंदोलन की तरह संस्कृत के खिलाफ बड़े आंदोलन के लिए जिम्मेदार नहीं होना चाहिए।’