श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उन लोगों की संपत्तियां जब्त करने का फैसला किया है जो आतंकियों को जानबूझकर पनाह देने में शामिल पाए जाएंगे. पुलिस आतंकी गतिविधियों और गैरकानूनी गतिविधि की रोकथाम ऐक्ट (यूएपीए) के तहत इस्तेमाल की जाने वाली अचल संपत्तियों को जब्त करेगी.


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आतंकियों को पनाह देने वालों की खैर नहीं


उन संपत्तियों को जब्त किया जाएगा, जिसके बारे में साबित हो जाएगा कि घर के मालिक या सदस्य ने जानबूझकर कई दिनों तक आतंकवादियों को पनाह दी थी और यह किसी भी दबाव में नहीं किया गया था. कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने बताया कि हम उन संपत्तियों को जब्त कर लेंगे, जहां आतंकियों के साथ मुठभेड़ होगी. आतंकी किसी नागरिक संपत्ति को ठिकाने के तौर पर इस्तेमाल कर रहे होंगे तो उसे भी जब्त किया जाएगा.


पुलिस ने आतंकियों के खिलाफ कसी कमर


बता दें कि ये कार्रवाई यूएपीए ऐक्ट की धारा 2(जी) और 25 के अनुसार होगी. पुलिस ने कहा है कि श्रीनगर में नागरिकों और सुरक्षाबलों पर हमले करने वाले आतंकवादियों को जानबूझकर कुछ लोग अपने घरों में सुरक्षित पनाह दे रहे हैं. श्रीनगर के बिशंबर नगर में हाल ही में हुई मुठभेड़ का जिक्र करते हुए पुलिस ने कहा कि वे उस मालिक की संपत्ति को जब्त करेंगे जिसके घर में आतंकवादी छिपे हुए थे. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा है कि आतंक के प्रति जीरो टॉलरेंस की रणनीति जारी रहेगी. यह कदम आतंकियों को दबाने में काफी मददगार साबित होगा.


पुलिस के कदम की महबूबा मुफ्ती ने की आलोचना


पुलिस ने यह भी कहा कि अगर किसी घर या इमारत के मालिक पर आतंकियों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है तो उन्हें समय रहते अधिकारियों को इसकी सूचना देनी होगी. पुलिस के इस कदम की राज्य के कुछ नेताओं ने आलोचना की है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस कदम को पूरी तरह गलत बताया है. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह पूरी तरह गलत है. यह पूरे समुदाय को दंडित करने जैसा है. अगर आपको उग्रवादियों से लड़ना है, तो उनसे लड़ें लेकिन इसके लिए स्थानीय लोगों को दंडित करने से क्या होगा?


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