Kashmir News: विश्व कप फाइनल मैच के दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम को चीयर करने पर 7 कश्मीरी छात्रों की गिरफ्तारी एक बड़े राजनीतिक विवाद में बदल गई है. पीडीपी, एनसी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि खेल को खेल की तरह लें. जब हमारे प्रधानमंत्री विपरीत टीम को चीयर कर सकते हैं, तो एक कश्मीरी लड़का ऐसा क्यों नहीं कर सकता.


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महबूबा ने लगाए गंभीर आरोप


पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर आरोप लगाया है कि सरकार छात्रों और युवाओं को चुन-चुनकर निशाना बना रही है. उन्हें 'हिंसक कदम' उठाने के लिए मजबूर कर रही है. पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में महबूबा मुफ्ती ने शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय के 7 छात्रों की गिरफ्तारी की निंदा की. उन्होंने कहा कि भारत सरकार कश्मीर को एक बार में ही खत्म कर दे, जैसे इजराइल फिलिस्तीन के साथ कर रहा है. तुरंत करो, तुम्हें जो करना है वैसा करो, जैसे इजराइल गाजा के साथ कर रहा है.


पुलिस को सुनाई खरी-खोटी


उन्होंने कहा कि आप उनका ( छात्रों का ) भविष्य बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हो. आप चाहते हैं कि घाटी के युवा या तो आत्महत्या कर लें या कोई अन्य कोई गलत कदम उठाएं. महबूबा मुफ्ती ने एलजी मनोज सिन्हा से छात्र के भविष्य को बचाने के लिए हस्तक्षेप करने को कहा. पूरी घटना को पुलिस की बिना सोचे-समझे की गई प्रतिक्रिया करार देते हुए महबूबा ने कहा, "यह दुखद है, खेल तो खेल है. हमारे पीएम जाते हैं और विपक्षी टीम का हौसला भी बढ़ाते हैं."


कितनों को जेल में डालोगे?


महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में वे (सरकार) दावा करते हैं कि यहां चीजें ठीक हैं तो फिर यह डर क्यों है? ऑस्ट्रेलिया को चीयर करने में क्या गलत है? कितनों को जेल में डालोगे? सरकार का उद्देश्य कश्मीर के युवाओं के साथ जुड़ना होना चाहिए था, लेकिन इसके बजाय युवाओं और पत्रकारों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है, जो आतंकवादियों के लिए बनाया गया कानून है. अब उन्हीं कानूनों का इस्तेमाल छात्रों के लिए किया जा रहा है और उनका भविष्य बर्बाद किया जा रहा है आप बंदूकों से दिल और दिमाग नहीं जीत सकते.


इमरान नबी डार ने भी साधा निशाना


महबूबा के अलावा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने भी प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे क्रूर आरोप जो आतंकवादियों और हिंसा के लिए होते हैं, उनका इस्तेमाल छात्रों के लिए किया जाता है.. जो अन्याय है. उन्होंने मांग की कि सरकार को फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और यूएपीए के आरोपों को हटा देना चाहिए.


क्या है मामला


बता दें की जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में नामांकित 7 कश्मीरी छात्रों को साथी छात्र की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया था. शिकायतकर्ता का आरोप है कि विश्व कप में भारत की हार पर छात्रों ने जश्न मनाया और उन्हें धमकी दी. छात्रों को 20 नवंबर को हिरासत में लिया गया था, कल औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया. छात्रों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की धारा 13 और सार्वजनिक शरारत और आपराधिक धमकी से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 505 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है.


पुलिस ने क्या कहा


शीर्ष पुलिस अधिकारी ने सात छात्रों की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि छात्रों को 20 नवंबर को हिरासत में लिया गया था और अब उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने कहा, "हमने कुछ धारा लगाई हैं लेकिन जब भी किसी मामले की जांच होती है तो जांच के निष्कर्षों के आधार पर कुछ जोड़ी या हटा दी जाती हैं." शिकायत में, पंजाब के छात्र ने 7 कश्मीरी छात्रों पर भारत का समर्थन करने के लिए उसके साथ दुर्व्यवहार करने और धमकी देने का आरोप लगाया. शिकायत में लिखा है कि उन्होंने मुझे चुप रहने की धमकी भी दी अन्यथा मुझे गोली मार दी जाएगी. शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपी छात्रों ने मैच के बाद पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए, जिससे  जम्मू-कश्मीर के बाहर के छात्रों में डर पैदा हो गया.