Kaushambi Minor Death Case: यूपी के कौशांबी (Kaushambi News) जिले में इंसानियत शर्मसार हो गई है. दरअसल, यहां एक मजबूर भट्ठा मजदूर अपने पोते की लाश कंधे पर लादकर इंसाफ की भीख मांगने पुलिस चौकी पहुंचा, जिसे देख हर कोई हैरान रह गया. जिसके बाद चौकी इंचार्ज ने भट्ठा मालिक से उसके मजदूरी के पैसे दिलाए. आरोप है कि भट्ठा मालिक ने मजदूर के पैसे वक्त पर नहीं दिए थे, जिससे बिना इलाज उसके पोते की मौत हो गई. उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह अपने पोते की लाश गाड़ी में अपने गांव ले जा पाता.


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मजदूरी के पैसे मिल जाते तो शायद पोता जिंदा होता!


बता दें कि ये दर्दनाक घटना पिपरी थाना इलाके के घूरी डिहा गांव की है. यहां पर बिहार के गया का रहने वाला शामबली अपने परिवार के साथ गगन ईंट भट्ठे में मजदूरी करता था. बताया जा रहा है कि उनके 6 साल के पोते रोहित की ठंड लगने से अचानक तबीयत बिगड़ गई थी. जिसके बाद शामबली ने भट्ठा मालिक से अपनी मजदूरी के पैसे पोते के इलाज के लिए मांगे. लेकिन कथित तौर पर भट्ठा मालिक ने मजदूर को पैसे नहीं दिए. पोते के इलाज के लिए शामबली बार-बार पैसों की मांग करता रहा. लेकिन भट्ठा मालिक का दिल नहीं पसीजा.


कंधे पर लाश लेकर इंसाफ मांगने पहुंचा दादा


शामबली के मुताबिक, भट्टा मालिक ने उससे कहा था कि पोता बिना इलाज के ही अभी ठीक हो जाएगा. लेकिन थोड़ी देर बाद रोहित की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. इलाज के अभाव में रोहित ने देखते ही देखते दम तोड़ दिया. इससे नाराज शामबली अपने कंधे पर मासूम रोहित की लाश रखकर इंसाफ की गुहार लगाने पुलिस चौकी जा पहुंचा. उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह मासूम की लाश को सम्मान के साथ अपने गांव तक ले जाता.


क्या है मजदूर दादा का दर्द?


हालांकि, बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद भट्ठा मालिक ने मजदूर के पैसे दे दिए. तब शामबली मासूम के शव को लेकर बिहार के गया में अपने गांव चला गया. शामबली का कहना है कि अगर भट्ठा मालिक वक्त पर उसके पैसे दे देता तो शायद उसका पोता रोहित आज जिंदा होता.


इस मामले पर सीओ अभिषेक सिह ने बताया कि एक खबर मिली थी कि भट्ठे पर काम करने वाला एक शख्स जो मूल रूप से गया का रहने वाला है, उनके नाबालिग बेटे की मौत हो गई है. जो मृतक है, उसके पिता ने बताया कि उनका बेटा ठंड लगने से बीमार हो गया था. इसके कारण उसकी मौत हो गई. जो आरोप भट्ठे मालिक पर लगाए जा रहे हैं, उसपर मासूम के पिता ने कहा कि उनका भट्ठा मालिक से कोई वाद-विवाद नहीं है. भट्ठा मालिक ने बॉडी को गया भेजने में मदद की है. थाना पिपरी में एक सुलहनामा भी दोनों पक्षों ने लिखा है.