कोच्चि: केरल हाई कोर्ट ने मंगलवार को आदेश दिया कि सबरीमला में किसी तरह का विरोध या प्रदर्शन नहीं होना चाहिए और कहा कि यह ऐसी गतिविधियों की जगह नहीं है. 


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अदालत ने पुलिस द्वारा सन्नीधानम (मंदिर परिसर)में श्रद्धालुओं पर लगाए गए ‘एकपक्षीय’ प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए वहां चल रहे मंडाला-मकाराविलाक्कू के दौरान तीन सदस्यीय दल को अपना प्रेक्षक नियुक्त किया है. 


सबरीमला मुद्दे पर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पी आर रामचंद्र मेनन और एन अनिल कुमार की खंडपीठ ने कहा कि सन्नीधानम में कोई विरोध प्रदर्शन नहीं होना चाहिए क्योंकि यह ऐसी गतिविधियों की जगह नहीं है. 


अदालत ने अयप्पा मंत्र के जाप पर लगाई गई रोक में थोड़ा बदलाव करने के साथ ही सन्नीधानम में रूकने पर लगाई गई रोक में भी बदलाव किया.  अदालत ने कहा कि महिला, बच्चे और दिव्यांग लोग परिसर में रूक सकते हैं. 


महाधिवक्ता ने मंगलवार को सीलबंद लिफाफे में उन प्रस्तावित तौर-तरीकों का विवरण सौंपा जिसमें निषिद्ध आयुवर्ग की महिलाओं के सुगम और सुरक्षित तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने की जानकारी है.  अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश पी आर रमन और सिरी जगन तथा वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ए हेमचंद्रन सन्नीधानम में उसके पर्यवेक्षक होंगे.