Mughal Emperor Love Story: शेरशाह सूरी से चौसा के युद्ध में हारकर मुगल बादशाह हुमायूं को दर-दर भटकना पड़ा था. इस दौरान वो जान बचाने के लिए अपने सौतेले भाई हिंदाल के पास पहुंचा और यहीं पर उसका सामना हुआ हमीदा बानो से. हमीदा बानो बेहद खूबसूरत और तमीजदार लड़की थी. हमीदा बनो हिंदाल के हरम में रहा करती थी. इस दौरान हमीदा की उम्र केवल 14 साल थी जबकि हुमायूं 33 साल का हो चुका था. हिंदाल के संरक्षण से बाहर निकलने के बाद भी हुमायूं के दिल-ओ-दिमाग में सिर्फ हमीदा की तस्वीर बची थी. हुमायूं हर कीमत पर हमीदा को पाना चाहता था. हमीदा बानो की वजह से हुमायूं अक्सर हिंदाल के हरम में जाता था.


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एक बार हुमांयू अपनी सौतेली मां दिलदार बेगम के पास पहुंचा. हुमायूं जानता था कि हमीदा से मिलाने का काम केवल उसकी सौतेली मां ही कर सकती है. जब हुमायूं के सौतेले भाई हिंदाल को यह बात पता चली तब उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. दिलदार बेगम की सोच थी कि कैसे वो एक नन्ही सी जान को अधेड़ उम्र वाले शख्स के हवाले कर सकती है? और वह भी ऐसा शख्स जिसके भविष्य का कोई ठिकाना नहीं था. लोगों को पता नहीं था कि कब हुमायूं अफगानों के हाथों मारा जाए.


हिंदाल ने जिस शख्स से तालीम पाई थी, हमीदा बानो उनकी बेटी थी. हिंदाल ने हुमायूं ये कहते हुए मना कर दिया कि यह रिश्ता नहीं सकता क्योंकि हमीदा उसकी छोटी बहन जैसी है. जब हुमायूं की सौतेली मां दिलदार बेगम ने हमीदा बानो से पूछा कि क्या वो हुमायूं को शौहर के रूप में अपनाना चाहती है, तब हमीदा बानो ने साफ-साफ मना कर दिया था. इसके बावजूद हमीदा बानो के पास हुमायूं ने एक पैगाम भेजा जिसे हमीदा बानो ने साफ तौर से ना कर दिया था. हमीदा के मना करने के बाद हुमायूं तिलमिला उठा लेकिन हुमायूं की बादशाहत के आगे हमीदा हार गई और अंत में हुमायूं ने जबरदस्ती हमीदा से निकाह किया लेकिन उसे हमीदा बानो का प्यार कभी नहीं मिला.


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