Kolkata Doctors Strike News: पश्चिम बंगाल सरकार और जूनियर डॉक्टर्स के बीच सहमति नहीं बन पा रही. आरजी कर अस्पताल मुद्दे पर गतिरोध को दूर करने के लिए बुधवार रात हुई बैठक भी बेनतीजा रही. जूनियर डॉक्टर्स ने कहा कि वे हड़ताल जारी रखेंगे. उनका आरोप है कि राज्य सरकार ने बैठक का लिखित विवरण देने से इनकार कर दिया. बैठक के बाद डॉक्टर्स ने घोषणा की कि वे अपना आंदोलन और 'काम रोको' अभियान तब तक जारी रखेंगे जब तक सरकार बैठक में हुई सहमति के अनुसार सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के संबंध में लिखित निर्देश जारी नहीं कर देती.


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'मीटिंग का ब्योरा देने को राजी नहीं सरकार'


प्रदर्शनकारी डॉक्टरों में से एक डॉ. अनिकेत महतो ने कहा, 'बातचीत तो सुचारू रूप से हुई लेकिन सरकार ने चर्चा किए गए मुद्दों का हस्ताक्षरित और लिखित विवरण सौंपने से इनकार कर दिया. हम सरकार के रवैये से निराश और हताश महसूस कर रहे हैं.' महतो ने कहा, 'हम अपनी मांगों के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए एक ईमेल भेजेंगे, जिसके आधार पर सरकार ने निर्देश जारी करने का आश्वासन दिया है. हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे और जब भी निर्देश जारी कर दिए जाएंगे हम इस पर निर्णय लेंगे.' 


राज्य ने आरजी कर अस्पताल की स्नातकोत्तर डॉक्टर से कथित बलात्कार और हत्या के मद्देनजर स्वास्थ्य सचिव एन. एस. निगम के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने की डॉक्टरों की मांग को भी स्वीकार करने से इनकार कर दिया.


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बुधवार रात हुई बैठक में क्या-क्या हुआ?


मुख्य सचिव मनोज पंत की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा कार्य बल और 30 कनिष्ठ चिकित्सक के प्रतिनिधिमंडल के बीच बुधवार को ‘नबन्ना’ (राज्य सचिवालय) में राज्य द्वारा तय समय से एक घंटे बाद शाम करीब साढ़े सात बजे बैठक शुरू हुई, जो साढ़े पांच घंटे से अधिक समय तक चली. प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने कहा कि उन्होंने बैठक में राज्य सरकार द्वारा संचालित अस्पताल परिसर के अंदर अपनी सुरक्षा के मुद्दों और वादे के अनुरूप कार्य बल के गठन का विवरण एवं उसके कार्यों को रेखांकित किया.


चिकित्सकों ने ‘रेफरल सिस्टम’ में पारदर्शिता, मरीजों को बिस्तर आवंटन, स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती और परिसरों में प्रचलित 'धमकाने की संस्कृति' को खत्म करने से संबंधित मामले उठाए. डॉक्टरों ने कहा कि उनकी मांगें इस चिंता से जुड़ी हुई हैं कि आरजी कर अस्पताल में जो जघन्य अपराध हुआ है वैसा फिर कभी नहीं हो. प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने कहा कि सरकार इस बात पर सहमत थी कि हमारी अधिकांश मांगें जायज हैं और उन्हें तत्काल लागू किया जाना चाहिए. लेकिन बातचीत के अंत में हमें इस बात से निराशा हुई जब मुख्य सचिव ने हमें बैठक की हस्ताक्षरित कार्रवाई का विवरण देने से इनकार कर दिया.


बैठक के बाद पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जारी बैठक के गैर हस्ताक्षरित विवरण में कहा गया है कि कनिष्ठ चिकित्सकों ने पिछले चार-पांच वर्षों में कथित कदाचार के लिए प्रधान स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ एक जांच समिति के गठन की मांग की, जिसमें स्वास्थ्य ढांचा प्रणाली को मजबूत करना भी शामिल है. मुख्य सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली की व्यापक जांच की जरूरत है.


बैठक के विवरण से पता चला कि सरकार ने चिकित्सकों से अनुरोध किया कि वे बचाव और सुरक्षा पर राज्य कार्य बल में चार-पांच प्रतिनिधि भेजें, लेकिन चिकित्सकों ने सभी मेडिकल कॉलेजों से व्यापक प्रतिनिधित्व का प्रस्ताव रखा. बैठक के विवरण के अनुसार, 'दोनों पक्ष रात्रि गश्त के लिए महिला पुलिस अधिकारियों की तैनाती, विभागों द्वारा पैनिक बटन लगाने और त्वरित हस्तक्षेप के लिए हेल्पलाइन स्थापित करने के संबंध में केंद्रीय निर्देश को लागू करने पर सहमत हुए.' सोमवार को प्रदर्शनकारी चिकित्सकों के साथ बैठक की कार्रवाई रिकॉर्ड करने के लिए स्टेनोग्राफर भी मौजूद थे.


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दो दौर की बातचीत रही बेनतीजा


प्रशिक्षु डॉक्टर से कथित बलात्कार और हत्या की घटना तथा सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में व्यापक भ्रष्टाचार एवं छात्रों और प्रशिक्षु चिकित्सकों के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों के बाद से राज्य की राजधानी में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसके कारण स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है. पिछले 48 घंटों में चिकित्सकों और राज्य सरकार के बीच यह दूसरी वार्ता थी. पहले दौर की वार्ता सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास पर हुई थी. (भाषा इनपुट्स)