कोलकाता रेप-मर्डर केस: फटकार से आदेश तक, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की 10 बड़ी बातें
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में CBI की ओर से SG तुषार मेहता ने कहा कि हमने पांच दिन बाद जाकर जांच शुरू की. हमारे लिए मुश्किल हुई क्योंकि क्राइम सीन के साथ छेड़छाड़ हुई थी. FIR इस केस में अंतिम संस्कार के बाद हुई. हॉस्पिटल ऑथरिटी ने FIR दर्ज नहीं कराई. क्राइम सीन की वीडियोग्राफी भी दबाव के बाद हुई.
Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है. इस बीच सीबीआई ने गुरुवार को स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंप दी है. बताया गया कि एजेंसी को केस से जुड़े कई लिंक्स मिले हैं. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. मामले में निगाहें खंडपीठ की कार्यवाही पर टिकी हैं. अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी
पुलिस को लचर जांच के लिए फटकार
=> सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस को लचर जांच के लिए फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि कोलकाता पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद रात साढ़े ग्यारह बजे जाकर केस दर्ज किया.कोर्ट ने क्राइम सीन को सुरक्षित करने में हुई देरी पर भी सवाल उठाया.
=> जस्टिस पारदीवाला ने कहा -कोलकाता पुलिस ने जिस तरह से इस केस में जांच की है, मैंने तीस सालों के कैरियर में ऐसा लचर रवैया नहीं देखा . CBI की ओर से SG तुषार मेहता ने कहा कि हमने पांच दिन बाद जाकर जांच शुरू की.हमारे लिए मुश्किल हुई क्योंकि क्राइम सीन के साथ छेड़छाड़ हुई थी. FIR इस केस में अंतिम संस्कार के बाद हुई. हॉस्पिटल ऑथरिटी ने FIR दर्ज नहीं कराई. क्राइम सीन की वीडियोग्राफी भी डॉक्टरो के दबाव के बाद हुई.
=> SC ने देश भर के डॉक्टरो से फिर से काम पर लौटने का आग्रह किया. SC ने कहा कि न्यायपालिका और अस्पताल हड़ताल पर नहीं जा सकते. हम SC के जज कोर्ट के बाहर नहीं बैठ सकते. SC ने कहा कि अगर डॉक्टर काम पर लौटते है तो पहले किये विरोध प्रदर्शन के चलते उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी.
=> कोर्ट ने कहा कि अगर विरोध प्रदर्शन के चलते डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज हुई है, तो उनके काम पर वापस लौटने की सूरत में आगे उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी
=> सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि हम जानते हैं डॉक्टर 36 घण्टों तक भी काम करते हैं. मैं खुद सरकारी हॉस्पिटल में फर्श पर सोया हूं, जब मेरे परिवार के एक सदस्य अस्पताल में भर्ती थे. SC ने निचली अदालत के मजिस्ट्रेट से कहा कि वह आरोपी के पॉलीग्राफ टेस्ट पर कल शाम 5 बजे तक आदेश दें.
=> सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव से कहा है कि वह सभी राज्यों के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी के साथ बैठक करें और तय करें कि जब तक नेशनल टास्क फोर्स अपनी रिपोर्ट नहीं देती तब तक डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए क्या किया जाना चाहिए. कोर्ट ने 1 हफ्ते में बैठक करने को कहा. कोर्ट ने अपने आदेश में फिर दोहराया कि पश्चिम बंगाल सरकार शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी.
=> CJI ने कहा कि हमने राज्य को कानून के तहत अपने पास मौजूद वैध पावर का प्रयोग करने से नही रोका है, लेकिन शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों में बाधा नहीं डाली जाए और शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो. कोर्ट ने नेशनल टास्क फोर्स को कहा कि वो इस मामले में विभिन्न डॉक्टर असोसिएशन की ओर से पेश सुझाव पर गौर करें. डॉक्टरों की वर्किंग हालत सुधारने के लिए सभी स्टेक होल्डर्स से बात करें. अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी.