Wayanad News:  वायनाड में जो तबाही आई उसने 300 से ज्यादा जिंदगियों को लील लिया. अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. तस्वीरें पूरी दुनिया देख रही है. इस बीच बड़ी खबर आई कि केरल पुलिस को एक एडवाइजरी जारी करनी पड़ी. पुलिस ने ऐसे लोगों को आगाह किया है जो इस त्रासदी के साक्षात दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. जी हां ऐसे भी लोग होते हैं जो मौत के मंदर को सामने से देखना पसंद करते हैं. इस सनक को नाम दिया गया है डार्क टूरिज्म. आइए आपको आज इस बारे में बताते हैं.



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पहाड़ों से नीचे उतरता पानी किसी को भी अपने साथ आसानी से बहा ले जाए. लेकिन इस वीडियो में सामने ये शख्स पोज मार रहा है, इनका परम मित्र इनकी तस्वीरें खीच रहा है. पीछे उफनती नदी के सामने सरलता से खड़े इन जनाब के क्या ही कहने. निडर होकर रील बनवाए जा रहे हैं. ये यहीं नहीं रुके. इसके बाद पोज बदला. कैमरामैन ने भी फ्रेम चेंज किया. और फिर शुरू हो गया फोटोग्राफी का सिलसिला.


त्रासदी को देखने का पागलपन


इसमें कोई दो राय नहीं है कि पानी के इस वेग को देखकर कोई भी किनारे से किनारा कर लेगा. लेकिन कुछ लोग होते हैं जो डर से आगे जीत है वाला फलसफा अपनाकर इसे एन्जॉय करते हैं. खतरनाक जगहों पर जाना ऐसे लोग का शौक है. इसी को कहते हैं डार्क टूरिज्म.


डार्क टूरिज्म को लेकर अब केरल पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है. वायनाड में जहां लैंडस्लाइड हुआ वहां जमीन अभी भी लाशें उगल रही है. घर, मकान, दुकान और गाड़ियां सब मिट्टी में दफ्न हैं. वायनाड की इन तस्वीरों को देखकर किसी की भी रूह सिहर जाए. 


केरल पुलिस ने जारी की एडवाइजरी


लेकिन इस बीच कुछ लोग हैं जो सिर्फ इन तस्वीरों को देखने के लिए वायनाड पहुंच रहे हैं.  जी हां. सुनने में अजीब जरूर लगेगा. लेकिन ये सच है.और इसी वजह से केरल पुलिस को एडवाइजरी जारी करनी पड़ गई.


केरल पुलिस ने लोगों से अपील की है कि त्रासदी वाली जगह पर तबाही के मंजर को देखने के लिए न जाएं. अधिकारियों का कहना है कि ‘डार्क टूरिज्म' बचाव कार्यों में बाधा डाल सकता है.


पुलिस ने साफ कर दिया है कि वायनाड हादसे के बीच डार्क टूरिज्म के लिए आने वाले लोग पहले ही रुक जाएं  क्योंकि यहां अभी भी जान जाने का खतरा बरकरार है. लेकिन माना जाता है कि डार्क टूरिज्म करने वाले लोगों को यही तो पसंद है. डार्क टूरिज्म कोई नहीं चीज नहीं है बल्कि इसका पुराना इतिहास रहा है.


क्या है डार्क टूरिज्म?


ऐसी जगह जिसका इतिहास किसी की मृत्यु से जुड़ा हो. जिसका इतिहास सुखद ना हो. या उस जगह का संबंध किसी हादसे से जुड़ा हो. उस जगह पर कोई हिंसा हुई हो. जहां जाकर इतिहास के साथ-साथ पीड़ा और डर की अनुभूति हो. ऐसी जगहों पर जाना डार्क टूरिज्म कहलाता है.


कभी-कभी किसी हादसे के तुरंत बाद लोग उस जगह को देखना चाहते हैं. टीवी या मोबाइल पर नहीं बल्कि वहां जाकर. केरल पुलिस की भी चिंता का कारण ये है कि कहीं इस भूस्खलन के बाद लोग उस जगह पर ‘डार्क टूरिज्म’ के लिए ना पहुंच जाएं.


अजीबोगरीब चीजें देखने का फितूर


साल 1986 में यूक्रेन में चेर्नोबिल प्लांट फट गया था. इस हादसे में 30 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. लेकिन दुनियाभर में कई सनकी लोग हैं, जो इस जगह को सिर्फ देखने के लिए जाते हैं. दुनिया में कई ऐसे देश हैं जो जंग की आग में झुलस गए. आज वहां मकानों की जगह खंडहर खड़े हैं. दुनियाभर से लोग तबाही के इस मंजर को देखने पहुंचते हैं. 


ऐसी जगहों पर जाने से लोगों को क्या मिलता है ये तो वही जानें. लेकिन केरल के वायनाड में भी पुलिस को डर था कि कहीं लोग डार्क टूरिज्म के नाम पर जमा होना न शुरू हो जाएं. यही वजह है कि पुलिस ने पहले ही एडवाइजरी जारी दी. लेकिन यहां सवाल ये है कि जिन लोगों को मौत तक का खौफ नहीं क्या वो पुलिस की एडवाइजरी को मानेंगे.