नई दिल्ली: चीन की नीयत भी उसके सामान की तरह कमजोर है. न चीन के सामान पर भरोसा किया जा सकता है और न ही उसके वादे पर. ताजा खबर ये है कि लद्दाख के एक इलाके में दोनों देशों के बीच गतिरोध बना हुआ है. हॉटस्प्रिंग एरिया से चीन ने अपने सैनिक नहीं हटाए हैं. जवाब में भारत के सैनिक भी वहां तैनात हैं. 


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दोनों देशों के 50-50 सैनिक हॉटस्प्रिंग एरिया में मौजूद हैं. हालांकि सूत्रों के हवाले से खबर है कि भारत और चीन के बीच ये सहमति बन गई है कि वो अपने सैनिकों को लद्दाख के दूसरे इलाकों से धीरे-धीरे पीछे हटा लेंगे लेकिन दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास में कमी है. हॉटस्प्रिंग एरिया इसका एक उदाहरण है, जहां दोनों देशों की सेनाएं अभी तैनात हैं. 


भारत एलएसी पर पूरी तरह मुस्तैद 
भारत एलएसी पर पूरी तरह मुस्तैद है. चीन से तनाव के बीच भारतीय वायुसेना की शक्ति में और ज्यादा बढ़ोतरी हो गई है. अमेरिकी कंपनी बोइंग ने भारत को सभी अपाचे और शिनूक हेलीकॉप्टर की डिलीवरी कर दी है. भारत ने वायुसेना के लिए सितंबर 2015 में 22 अपाचे और 15 शिनूक हेलीकॉप्टर्स की डील की थी. 


अब समुद्र में डूबेगा चीन का अहंकार
चीन पर्वत पर पिटा और अब समुद्र में उसका अहंकार डूबेगा. समुद्र में भी चीन पर अंकुश लगाने की तैयारी भारत ने कर ली है और इसमें दुनिया की तीन बड़ी नौसेनाएं भारत के साथ हैं. यानी हिंद महासागर से अरब सागर तक चीन की दादागीरी खत्म हो जाएगी. मालाबार में भारत समेत 4 देशों का नौसैनिक युद्धाभ्यास होगा. अमेरिका और जापान की नौसेनाएं युद्धाभ्यास में शामिल होंगी. ऑस्ट्रेलिया भी नौसैनिक युद्धाभ्यास में शामिल हो सकता है. युद्धाभ्यास में शामिल चारों देशों की चीन के साथ तनातनी है. 


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