Maharashtra Cabinet Expansion: देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ तो ले ली है लेकिन अभी तक महायुति के बीच जारी गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार देर रात को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और फडणवीस ने अमित शाह से उनके घर पर मुलाकात की. हालांकि इस मीटिंग में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार मौजूद नहीं थे. विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के बाद पिछले सप्ताह महायुति सरकार के सत्ता में आने के बाद विभागों के आवंटन को लेकर अटकलों के बीच यह मुलाकात हुई.


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मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि फडणवीस के दिल्ली दौरे के दौरान भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ विभागों के बंटवारे पर चर्चा होने की संभावना है. नाम न बताने की शर्त पर भाजपा के एक सीनियर नेता ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि शिवसेना को होम मिनिस्ट्री नहीं मिलेगी और उसे वित्त मंत्रालय मिलने की भी उम्मीद नहीं है. हालांकि उन्होंने शिवसेना को शहरी विकास मंत्रालय मिलने की संभावना जाहिर की है. 



'21-22 मंत्री अपने पास रखेगी भाजपा'


महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत ज्यादा से ज्यादा 43 मंत्री हो सकते हैं. इसको लेकर भाजपा ने कहा भाजपा मुख्यमंत्री समेत 21 से 22 मंत्री पद अपने पास रखेगी, साथ ही चार से पांच मंत्री पद खाली रखे जा सकते हैं. भाजपा नेता ने कहा कि विभागों के आवंटन पर बातचीत में देरी हो रही है क्योंकि महायुति की तीन पार्टियां (भाजपा, शिवसेना और NCP) इसमें शामिल हैं.


14 दिसंबर को होगा महाराष्ट्र कैबिनेट विस्तार?


भाजपा के एक सीनियर नेता ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि कैबिनेट का विस्तार 14 दिसंबर को हो सकता है. इसके अलावा शिवसेना विधायक और प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि फडणवीस ने साफ कर दिया है कि विभागों का बंटवारा राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले होगा, जो 16 दिसंबर से शुरू हो रहा है.


राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति से मिले फडणवीस


इससे पहले बुधवार को फडणवीस ने कहा था कि वह मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार शिष्टाचार भेंट पर दिल्ली जा रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की.



5 दिसंबर को फडणवीस ने शिंदे और एनसीपी नेता अजित पवार के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. महायुति गठबंधन ने 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में 288 में से 230 सीटें जीती थीं. फडणवीस ने नतीजे आने के 10 दिन से ज्याद समय बाद शपथ ली थी. इस बात पर सस्पेंस था कि शीर्ष पद कौन संभालेगा.