Will Rahul Gandhi become Leader of Opposition: क्या राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता बनेंगे, इसको लेकर अभी तक संशय बना हुआ है. हालांकि चुनाव के ठीक बाद हुई CWC की बैठक में बाक़ायदा प्रस्ताव पास करके पार्टी नेताओं ने राहुल गांधी को विपक्ष का नेता पद संभालने की अपील की थी, लेकिन राहुल गांधी ने CWC में ये कहा कि उन्हें सोचने का थोड़ा वक्त दिया जाए.


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राहुल गांधी बड़ी जिम्मेदारी के लिए तैयार नहीं?


अब राहुल विपक्ष के नेता बनेंगे या नहीं इसको लेकर सस्पेंस इसीलिए बना हुआ है, क्योंकि विपक्ष के नेता के तौर पर भूमिका निभाने के लिए संसद में जितना समय और अलर्टनेस चाहिए. शायद राहुल गांधी इसके लिए तैयार नहीं है. ऐसी स्थिति में पार्टी में दो तरह की राय है.


इन 4 नेताओं के नाम की हो रही चर्चा


पहली तो ये कि पार्टी के किसी तेज़ तर्रार लोकसभा सांसद को ये ज़िम्मेदारी सौंपी जाए. जो हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों भाषा में सरकार को हर मुद्दे पर घेर सके. ऐसे में साउथ के 2 और नार्थ के 2 नेताओं के नाम की चर्चा ज्यादा हो रही है. साउथ से के सी वेणुगोपाल और शशि थरूर का नाम है तो नॉर्थ से मनीष तिवारी और गौरव गगोई का नाम चर्चा में है.


इस फॉर्मूले पर मान जाएंगे राहुल गांधी?


दूसरी राय ये है कि राहुल गांधी विपक्ष के नेता बनें और उनके साथ साउथ और नार्थ के एक-एक नेता को उप नेता बनाया जाए. ऐसा करने से राहुल गांधी लगातार सदन में रहने से भी बच जाएंगे और सदन में विपक्ष के नेता भी बने रहेंगे.


संसद सत्र से पहले हो सकता है ऐलान


पार्टी के सूत्रों की माने तो दूसरे विकल्प पर राहुल गांधी राज़ी हो सकते हैं. लेकिन ये फ़ैसला भी बहुत जल्द नहीं होने वाला है. माना जा रहा है कि लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से ठीक पहले यानि 21 या 22 जून को विपक्ष के नेता के नाम का ऐलान होगा. ये भी कहा जा रहा है कि संसद सत्र से ठीक पहले होने वाले विपक्षी दलों की बैठक में इस बात का ऐलान किया जाएगा.