Delhi Riots 2020: दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि शाहीन बाग आंदोलन के पीछे PFI जैसे संगठनों का हाथ था. स्पेशल पब्लिक प्रासीक्यूटर अमित प्रसाद ने कहा कि शाहीन बाग प्रदर्शन को पूरी योजना के साथ, सोची समझी साजिश के तहत आयोजित किया गया था. जांच के दौरान व्हाट्सएप ग्रुप में हुई बातचीत इसकी तस्दीक करती है. व्हाट्सएप चैट से साबित होता है कि पीएफआई जैसे कई संगठन इस विरोध प्रदर्शन के पीछे थे.


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पूरी योजना के साथ भीड़ जुटाई गई


स्पेशल पब्लिक प्रासीक्यूटर अमित प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि मस्जिद के पास वाली जगहों को विरोध प्रदर्शन के लिए चुना गया था. इन जगहों पर 7 दिनों, 24 घंटे लोगों की मौजूदगी रहे, ऐसी योजना बनाई गई थी. हर एक विरोध प्रदर्शन वाली जगह पर सहयोग के  लिए लीगल टीम मौजूद थी. जैसे ही किसी जगह पर पुलिस का एक्शन होता तुंरत वहां लीगल टीम पहुंच जाती थी. स्थानीय लोग इतनी संख्या में प्रदर्शन में शामिल नहीं थे, ज्यादातर लोगों को बाहर से लाया गया था. इन जगहों पर स्पीकर, कलाकारों को भेजा गया ताकि वो भीड़ को बांधे रख सकें.


विरोध प्रदर्शन को सेक्युलर रंग दिया गया


अमित प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि DPSG नाम के व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए विरोध प्रदर्शनों को कोऑर्डिनेट किया जा रहा था. यही नहीं, इन विरोध प्रदर्शनों को सेक्युलर रंग देने की भी योजना बनाई गई थी. इनके व्हाट्सएप ग्रुप की बातचीत से पता चलता है कि कैसे इसमे हिंदुओं को भी विरोध प्रदर्शन से जोड़ने की बात हो रही थी, ताकि इसे सेक्युलर रंग दिया जा सके.


करीब दो साल से जेल में बंद है उमर


दिल्ली दंगों के मामले में उमर खालिद को 13 सितंबर 2020 को गिरफ्तार किया गया था. तब से वो जेल में है. इससे पहले 24 मार्च को कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था. दिल्ली हाई कोर्ट अब गुरुवार, 25 अगस्त को उमर खालिद की जमानत अर्जी पर सुनवाई करेगा.


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