नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की जयंती के मौके पर उनके बेटे चिराग पासवान आज से 'आशीर्वाद यात्रा' शुरू करने जा रहे हैं. पार्टी में गुटबाजी झेल रहे चिराग पासवान के इस कदम को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है.


'मैं शेर का बेटा, लड़ता रहूंगा'


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पासवान की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में चिराग पासवान ने भावुक होकर कहा, 'मैं रामविलास पासवान का बेटा हूं, शेर का बेटा हूं, जैसे पापा कभी नहीं डरे थे वैसे ही मैं भी कभी नहीं डरूंगा.' उन्होंने कहा कि कोई हमें तोड़ने और मिटाने की कितनी भी कोशिश करले लेकिन जिस तरह पापा सच्चाई की राह पर लड़ते रहे, हम भी उसी तरह लड़कर जीत हासिल करेंगे.



जयंती के मौके पर चिराग पासवान ने अपने पिता की लिखी हुई एक किताब भी लॉन्च की जिसे 'पासवान' नाम दिया गया है. इस कार्यक्रम में चिराग की मां और पार्टी के कार्यकर्ता भी मौजूद थे. चिराग ने कहा कि हम इस किताब को बड़ा समारोह आयोजित कर पापा की मौजूदगी में लॉन्च करना चाहता थे लेकिन ऐसा हो नहीं सका.


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पीएम मोदी ने भी किया याद


राम विलास पासवान की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जनसेवा और वंचितों, दलितों को सशक्त बनाने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. पीएम ने ट्वीट कर कहा कि आज उनकी कमी बहुत खल रही है, वह भारत के सबसे अधिक अनुभवी सांसदों और प्रशासकों में से एक थे. 



बता दें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद से उनकी पार्टी के भीतर गुटबाजी शुरू हो गई है. पासवान बेटे चिराग और भाई पशुपति पारस दोनों ही उनकी राजनीतिक विरासत पर अपना दावा कर रहे हैं. पारस को लोजपा के ज्यादातर सांसदों और नेताओं का समर्थन हासिल है, ऐसे में चिराग के सामने नई चुनौती खड़ी हो गई है.