DNA with Sudhir Chaudhary: हर रोग की दवा है प्रेम, जीवन में भोजन-पानी की तरह जरूरी
DNA with Sudhir Chaudhary: हाल ही में प्रेम पर गहरा अध्ययन किया है, जो ये कहता है कि जिस तरह आपके शरीर के लिए भोजन जरूरी है, पानी जरूरी है, व्यायाम जरूरी है, उसी तरह प्रेम भी जरूरी है. लेकिन आखिर प्रेम है क्या और ये हमारे जीवन में क्यों जरूरी है? आइए बताते हैं.
DNA with Sudhir Chaudhary: आज हम जीवन में प्रेम के महत्व का विश्लेषण करेंगे. लोग पूरे जीवन सच्चे और निस्वार्थ प्रेम की खोज करते हैं, लेकिन फिर भी ज्यादातर लोगों को ये मिलता नहीं है. आज हम इस बात पर चर्चा करेंगे कि प्रेम नाम की इस भावना को लोग समझ भी पाए हैं या नहीं? कहीं इसका दुरुपयोग तो नहीं हो रहा है? प्यार निस्वार्थ रूप से सब कुछ अर्पित करने का नाम है, लेकिन लोग अब प्यार के जरिए सब कुछ अर्जित करना चाहते हैं. इसलिए आज प्रेम के सही अर्थ को समझना बहुत जरूरी है.
भोजन- पानी की तरह जरूरी है प्रेम
अमेरिका की मशहूर Neuro Scientist स्टेफनी काचोपो ( Stephanie Cacioppo) ने हाल ही में प्रेम पर गहरा अध्ययन किया है, जो ये कहता है कि जिस तरह आपके शरीर के लिए भोजन जरूरी है, पानी जरूरी है, व्यायाम जरूरी है, उसी तरह प्रेम भी जरूरी है. यानी प्रेम सिर्फ मस्तिष्क के लिए नहीं बल्कि शरीर के लिए भी आवश्यक है. जो लोग अकेले रहते हैं और जिन लोगों के जीवन में प्रेम नहीं है, उनके मुकाबले ऐसे लोग ज्यादा स्वस्थ रहते हैं और लम्बा जीते हैं, जिनके जीवन में प्रेम है.
प्रेम में इंसान करता है शक्तिशाली महसूस
आप अक्सर लोगों को ये कहते हुए सुनते होंगे कि प्रेम में पड़ा हुआ इंसान किसी काम का नहीं रहता. लेकिन ये रिसर्च कहती है कि जो इंसान प्रेम में होता है, वो खुद को इस दौरान सबसे शक्तिशाली महसूस करता है. इसी रिसर्च में ये भी बताया गया है कि प्रेम सिर्फ किसी इंसान से नहीं होता, बल्कि प्रेम एक भावना है और इस भावना में आप अपने किसी अच्छे दोस्त से भी सच्चा प्रेम कर सकते हैं. किसी खेल से भी आपको प्रेम हो सकता है. किसी खिलाड़ी और टीम के प्रति भी आप प्रेम की डोर में बंध सकते हैं. प्रेम किसी स्थान, वस्तु, घर और शौक से भी हो सकता है. यानी प्रेम को हम जितना सीमित मानते हैं, ये उससे कहीं ज्यादा अनेकों रूप में फैला हुआ है और बड़ी बात ये है कि, जिन लोगों के जीवन में प्रेम होता है, वो आशावादी भी होते हैं और उनके जीवन में प्रसन्नता भी अधिक होती है. जबकि ऐसे लोगों के मुकाबले जो लोग अकेले रहते हैं या समाज से अलग थलग रहना पसंद करते हैं, उनका जीवन ज्यादा लंबा नहीं होता.
अकेलापन देता है कई बीमारियों को निमंत्रण
इस नई स्टडी के मुताबिक अगर आपके जीवन में प्रेम नहीं है और आप अकेले रहते हैं, तो ये अकेलापन आपके शरीर को हर दिन 15 सिगरेट पीने के बराबर नुकसान पहुंचा सकता है. इसके अलावा ऐसे लोगों की मौत का खतरा भी 29 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. ये स्टडी ये भी कहती है कि जो लोग अकेले रहते हैं, उनका Blood Pressure High रहता है और उन्हें Heart Stroke होने का भी खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा जो लोग उदास रहते हैं और प्रेम से दूर भागते हैं, उन लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है. यानी जो लोग दिल लगाने से डरते हैं, उनका दिल कमजोर हो जाता है और बीमार होने लगता है.
प्रेम के होते हैं तीन चरण
इस रिसर्च के मुताबिक जब किसी व्यक्ति को किसी इंसान, वस्तु, शौक या किसी और चीज से प्रेम होता है तो इस दौरान हमारा मस्तिष्क Neuro-transmitters रिलीज करता है. सरल भाषा में Neuro-transmitters को आप Chemical Messenger भी कह सकते हैं, जो आपको अच्छा महसूस कराते हैं. जब हमें प्रेम मिल जाता है तो हमारे ह्रदय की धमनियां तेज हो जाती हैं और इस दौरान हमें ऐसा लगता है कि जैसे हमारे शरीर में आतिशबाजी हो रही है. वैसे प्रेम के कई चरण होते हैं. इनमें पहला चरण है, किसी चीज को पाने की इच्छा. दूसरा चरण है आकर्षण और तीसरा चरण है किसी के साथ जुड़ाव यानी Attachment.
प्रेम के लिए जिम्मेदार होते हैं ये हॉर्मोन
इस तीसरे चरण के लिये मुख्य रूप से दो Chemical जिम्मेदार होते हैं. पहला है oxytocin और दूसरा है Vaso-Pressin (वेसो-प्रेसिन). ये दोनों Hormones, माता पिता, बच्चों और दोस्तों के प्रति प्यार और समाज के साथ मधुर संबंध बनाए रखने के लिए भी जिम्मेदार होते हैं. लेकिन बड़ी बात ये है कि, ज्यादातर लोग अपने जीवन में ये समझ ही नहीं पाते कि वो सच्चा प्रेम किससे करते हैं.
खेल-खिलाड़ी या किताबों से भी हो सकता है प्रेम
उदाहरण के लिए, अगर आप किसी खिलाड़ी को खेलते हुए देखने के लिए अपनों की बात अनसुनी कर देते हैं या आपके सामने खाना रखा है लेकिन आप टीवी पर उस खिलाड़ी या टीम के मैच को देखते रहते हैं तो ये भी प्रेम हो सकता है. इसी तरह अगर आपको किताबें पढ़ना पसन्द है या आपका कोई और शौक और इस शौक के लिए आप दूसरी चीज़ों को ज्यादा महत्व नहीं देते तो ये भी प्रेम हो सकता है. हालांकि इस प्रेम को हम कभी प्रेम मानते ही नहीं है. जबकि ये रिसर्च कहती है कि प्रेम की ये भावना भी आपको स्वस्थ और खुश रखती है.
मिर्जा गालिब को पुरानी दिल्ली की गलियों से था प्रेम
जैसे मशहूर शायर मिर्जा गालिब को पुरानी दिल्ली की गलियों से काफी प्रेम था. मिर्जा गालिब बहादुर शाह जफर के दरबार के प्रमुख शायर थे. लेकिन साल 1850 आते आते अंग्रेजों ने मुगलों पर पाबंदियां काफी बढ़ा दी थीं. सरकारी खजाने की चाबी भी अंग्रेज सरकार के पास थी. इससे दरबार के शायरों को मिलने वाला वजीफा बंद कर दिया गया था और कई बड़े शायर दक्षिण की ओर चले गए थे. लेकिन मिर्जा गालिब ने ऐसा नहीं किया, क्योंकि वो पुरानी दिल्ली की गलियों को नहीं छोड़ना चाहते थे. इसका जिक्र उसी समय के एक और बड़े शायर इब्राहिम जौक ने अपने एक शेर में भी किया था.
प्रेम संजीवनी बूटी की तरह है
जैसे सुदामा और कृष्ण का प्रेम मित्रता वाले प्रेम को दर्शाता है. श्रवण कुमार का प्रेम माता पिता के प्रति अथाह प्रेम का परिचायक है. कृष्ण के प्रति मीरा का प्रेम भक्ति का शिखर है. तो भगत सिंह जैसे शहीदों का प्रेम देश के लिए आहुति देने वाले वीरों का प्रेम है. प्रेम पर संत कबीर ने अपने एक दोहे में कहा था, 'प्रेम गलि अति सांकरी जा में दो ना समाएं.' यानी प्रेम की गली इतनी संकरी होती है कि उसमें दो के लिए कोई जगह नहीं होती और किसी एक को तो मिटना ही पड़ता है. हालांकि ऐसा प्रेम बहुत कम लोग ही कर पाते हैं, जबकि सच ये है कि प्रेम संजीवनी बूटी की तरह है.
ज्यादातर फिल्में बनती हैं रोमांस पर
पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा फिल्में प्रेम और रोमांस के विषय पर ही बनती हैं. इसके अलावा ज्यादातर शेरो-शायरी, कविताएं और ग्रंथ भी प्रेम पर आधारित होते हैं. ये प्रेम जब भगवान से होता है, तो वो भक्ति कहलाता है. प्रेम आकाश की तरह है. चाहे रामायण हो या महाभारत, तमाम ग्रंथों में अलग अलग तरह के प्रेम का जिक्र है. रामायण सीता और लक्ष्मण के प्रति भगवान राम के प्रेम और हनुमान के भगवान राम के प्रति प्रेम को दर्शाती है. इसी तरह रामायण में भगवान राम का उनके पिता राजा दशरथ के प्रति प्रेम का भी उल्लेख मिलता है. रामायण में ही ये भी बताया गया है कि रावण अपनी लंका से कितना प्रेम करता था और इसी तरह महाभारत में शक्ति और अस्तित्व के प्रति प्रेम का उल्लेख किया गया है.
प्यार के जरिए सब कुछ पाना चाहते हैं लोग
यही प्रेम जब एक सुपरपावर की तरह किसी इंसान के जीवन में प्रवेश करता है, तो ये उम्र के अलग अलग चरणों में अपना रूप बदलता है. बचपन में हम खिलौनों से प्रेम करते हैं. इसके बाद ये प्रेम दोस्तों से आपको बांध देता है. बड़े होने पर आपके जीवन में कोई ऐसा साथी आता है, जिससे आप प्रेम करने लगते हैं. आप जब कमाने लगते हैं तो आपको अपने काम और शौक से प्रेम हो जाता है और प्रेम का ये क्रम इसी तरह चलता रहता है. वैसे प्रेम निस्वार्थ रूप से सब कुछ अर्पित करने का नाम है, लेकिन लोग अब प्यार के जरिए सब कुछ अर्जित करना चाहते हैं.
प्रेम की वजह से हुए हैं कई क्राइम
साल 2018 में प्रेम संबंधों की वजह से 3 हजार 266 हत्याएं हुई थीं. इसी तरह 2018 में प्रेम 5 हजार 342 आत्महत्याओं के लिए जिम्मेदार था. 2018 में 24 हजार से ज्यादा लोगों का अपहरण जबरन विवाह के लिए किया गया था. 2018 में ही बलात्कार के 12 हजार से ज्यादा मामले ऐसे थे, जिनके लिए पति लिव इन पार्टनर या पत्नी से अलग हो चुके पति जिम्मेदार थे. 2001 से 2018 के बीच 45 हजार से ज्यादा हत्याओं के लिए सिर्फ प्रेम संबंध जिम्मेदार थे. यानी प्रेम के नाम पर हमारे देश में एक दूसरे को सताया जाता है. एक दूसरे का शोषण किया जाता है और कई बार तो प्यार ही जान लेने की वजह भी बन जाता है. प्रेम को सबसे पवित्र भावना माना जाता है, लेकिन इसकी खातिर इतनी हत्याएं और अपराध ये बताते हैं कि इस भावना का सबसे ज्यादा दुरुपयोग किया जाता है. इसलिए प्रेम की पवित्रता और इसके सही अर्थ को समझना बेहद जरूरी है.
किसी भी चीज से कर सकते हैं प्रेम
अगर आज कोई व्यक्ति तनाव में है, अकेलेपन से संघर्ष कर रहा है और उसे ऐसा लगता है कि उसके चारों तरफ नकारात्मकता बढ़ रही है तो वो प्रेम को अपना कर खुद को शक्तिशाली महसूस करा सकता है. ये प्रेम आप किसी भी चीज से कर सकते हैं. ये कोई वस्तु हो सकती है, कोई स्थान हो सकता है, आपका कोई शौक हो सकता है और यहां तक कि आप अपने काम से भी प्रेम कर सकते हैं. सचिन तेंदुलकर ने प्रेम की ऊर्जा क्रिकेट खेलकर हासिल की. Michael Jackson को ये प्रेम उनके Dance में मिला. और चार्ली चैपलिन ने दुनिया को हंसाकर प्रेम हासिल किया. यानी प्रेम पूरी तरह मुफ्त है. बस ये आप पर निर्भर करता है कि आप प्रेम के कुंए में बाल्टी की तरह झुक कर उसे हासिल करने के लिए तैयार हैं या नहीं.
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